फाइजर के मुकाबले एस्ट्राजेनेका की कोविड-19 वैक्सीन से हुई ज्यादा मौत, स्पुतनिक-V का सनसीखेज दावा
रूस की कोविड-19 वैक्सीन भारत में आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूर होनेवाली तीसरी वैक्सीन बन गई है. उसने विभिन्न वैक्सीन के बीच मौत के मामलों की इतनी बड़ी विसंगतियों का मुद्दा उठाया और ईमानदारी के साथ वैज्ञानिक एवं सार्वजनिक चर्चा को लेकर ध्यान केंद्रित करने की मांग की.
नई दिल्ली: रूसी कोविड-19 वैक्सीन स्पुतनिक-V ने सनसनीखेज दावा किया है. उसने बताया, "एस्ट्राजेनेका की तुलना में फाइजर वैक्सीन लगवाने के बाद ज्यादा लोगों की मौत हुई. आपको बता दें कि कोरोना वायरस के खिलाफ भारत में आपातकालीन इस्तेमाल के लिए मंजूर होनेवाली स्पुतनिक-V वैक्सीन तीसरी वैक्सीन है. 13 अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य नियामकों की तरफ से सार्वजनिक किए गए आंकड़ों का हवाला देते हुए उसने सनसनसीखेज दावा किया.
रूसी कोविड-19 वैक्सीन स्पुतनिक-V का सनसनीखेज दावा
शुक्रवार को एक ट्वीट में उसने लिखा, "अध्ययन से पता चलता है कि प्रति 10 लाख दी गई खुराकों के लिहाज से एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की तुलना में फाइजर वैक्सीन लेने के बाद काफी अधिक मौत हुई. उसने विभिन्न वैक्सीन के बीच मौत के मामलों की इतनी बड़ी विसंगतियों का मुद्दा उठाया और ईमानदारी के साथ वैज्ञानिक एवं सार्वजनिक चर्चा को लेकर ध्यान केंद्रित करने की मांग की. हालांकि, फाइजर और एस्ट्राजेनेका दोनों में से किसी ने भी स्पुतनिक-V के अध्ययन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. जनवरी में फाइजर-बायोएनटेक एमआरएनए वैक्सीन के टीकाकरण के बाद नॉर्वे में कथित तौर पर 23 बुजुर्ग रोगियों की मौत हो गई थी.
एस्ट्राजेनेका की तुलना में फाइजर वैक्सीन से हुई ज्यादा मौत
दूसरी ओर, कई देशों ने टीकाकरण के बाद ब्लड क्लॉट्स की शिकायतों के बाद एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन को रोक दिया था. इस बीच दवा बनाने वाली प्रमुख कंपनी डॉ. रेड्डीज लैबोरेटरीज (डीआरएल) ने कहा कि उसे ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) से स्पुतनिक-V वैक्सीन को भारत में आयात करने की अनुमति मिल गई है. हैदराबाद की कंपनी के अनुसार, उसे दवा और कॉस्मेटिक्स कानून के तहत नए दवा एवं चिकित्सकीय परीक्षण नियम, 2019 के प्रावधानों के अनुसार वैक्सीन आयात करने की अनुमति मिली है. भारत में देशव्यापी टीकाकरण अभियान 16 जनवरी से शुरू है. अब तीसरी वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद टीकाकरण अभियान में तेजी आने की उम्मीद है. कई अन्य वैक्सीन भी देश के अंदर मानव परीक्षण के विभिन्न चरणों में हैं.
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