(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Hajj 2024: सऊदी अरब में भीषण गर्मी से इस साल हुई 1 हजार से ज्यादा हज यात्रियों की मौत, रिपोर्ट का दावा
Hajj 2024 Death: सऊदी अरब में हजयात्रा के दौरान 1000 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. हालांकि, इनमें में से आधे से ज़्यादा गैर पंजीकृत हजयात्री थे, जिनमें अकेले मिस्र के 600 लोग शामिल थे.
Hajj 2024 Death: हज यात्रा के दौरान मरने वालों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. मक्का में हज के दौरान मरने वालों का आंकड़ा अब बढ़कर 1000 के पार हो गया है. जिनमें से आधे से ज्यादा गैर-पंजीकृत हजयात्री थे. एएफपी रिपोर्ट के मुताबिक, जिनमें से अकेले मिस्र के 600 लोग शामिल थे. जिन्होंने सऊदी अरब में पड़ रही भीषण गर्मी में तीर्थयात्रा की. सऊदी अरब में ज्यादा गर्मी और मुकम्मल व्यवस्था नहीं होने की वजह से हज यात्रियों की मौतें हो रही हैं. ऐसे में पूरी सऊदी सरकार पर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
यह जानकारी एएफपी न्यूज एजेंसी और अन्य समाचार एजेंसियों से बात करने वाले राजनयिकों ने दी है. न तो मिस्र और न ही सऊदी अरब ने इस साल के हज में आधिकारिक तौर पर मरने वालों की संख्या जारी की है, जो आम तौर पर सऊदी सरकार के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है. हालांकि, सऊदी अधिकारियों ने कहा कि लगभग 1 लाख 80 हजार तीर्थयात्रियों ने मक्का की यात्रा की है.
कितना है मक्का-मदीना का तापमान?
वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस महीने सऊदी अरब में हज यात्रा के दौरान भीषण गर्मी की लहर के प्रभाव को घर और अन्य सेवाओं जैसे कि बिना परमिट के यात्रा करने वालों के लिए कूलिंग सेंटर की कमी के कारण और भी बदतर बना दिया है. सऊदी मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, 14 जून से शुरू हुई 5 दिवसीय तीर्थयात्रा के दौरान पवित्र शहर मक्का में तापमान 125 डिग्री फ़ारेनहाइट से ऊपर चला गया है.
हालांकि, सऊदी अरब में इस बार पिछले साल के मुकाबले ज्यादा गर्मी पड़ रही है. वहीं, यहां का तापमान 51 डिग्री सेल्सियस पार कर गया है. पिछले हफ्ते भी सऊदी के मेट्रोलॉजिकल डिपार्टमेंट ने मक्का मदीना का तापमान 51.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया था. दिन में तो भीषण गर्मी है ही, रात का तापमान भी 40 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किया जा रहा है, जोकि हजयात्रियों के लिए मुसीबतें पैदा कर रहा है.
जानिए हज यात्रा का क्या है महत्व?
मुस्लिम धर्म में मान्यता है कि हर मुसलमान को अपने जीवनकाल में एक बार हज यात्रा जरूर करनी चाहिए. इस यात्रा में कई अनुष्ठानों में लंबे समय तक बाहर रहना और लंबी दूरी तक पैदल चलना शामिल होता है. साथ ही ये यात्रा काफी खर्चीली होती है और सऊदी अरब सरकार हर साल केवल एक निश्चित संख्या में तीर्थयात्री वीजा को मंजूरी देता है, जिसमें हर मुस्लिम बहुल देश के लिए कोटा जारी होता है.
जानें क्यों हो रही हैं मक्का में मौतें?
हज के दौरान यात्रियों को करीब 15 किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है. हज यात्री पहले एहराम बांधकर मक्का जाते हैं. काब के चक्कर लगाते हैं. फिर सफा और मरवा पहाड़ियों के बीच 7 चक्कर लगाते हैं. उसके बाद मिना में रात बिताते हैं और अगली सुबह अराफात में बिताते हैं. फिर आखिरी तवाफ के साथ हज यात्रा पूरी होती है. ऐसे में ये काफी मेहनत भरा काम हो वो भी इस भीषण गर्मी में जिसके चलते यहां हीट स्ट्रोक से लेकर ब्लड प्रेशर की दिक्कतें हो रही हैं. जिसे बुजुर्ग और महिलाएं इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं.
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