Coronavirus के बीच टीकाकरण रूकने से 11 करोड़ से अधिक बच्चों पर खसरे का खतरा: UN
UN और UNICEF के बयान में कहा गया है कि इससे 37 देशों के बच्चे प्रभावित हो सकते हैं. विश्वभर में 2018 में खसरे के संक्रमण से 140,000 लोगों की मौत हो गई थी.
वाशिंगटन: कोरोना वायरस के बढ़ते ख़तरे के बीच दुनिया भर के करोड़ों बच्चों को मीजल्स वैक्सीन मिलने में देरी हो सकती है. आपको बता दें कि इस वैक्सीन का प्रयोग खसरे के इलाज के लिए किया जाता है. इस पर यूनाइटेड नेशन और यूनिसेफ़ ने चिंता ज़ाहिर की है.
यूनिसेफ़ और यूनाइटेड नेशन की ओर से जारी संयुक्त बयान में कहा गया कि 24 देशों में खसरा टीकाकरण अभियान पहले से ही देरी से हो रहा है. लेकिन अब कोरोना वायरस महामारी के कारण इसे और स्थगित कर दिया जाएगा. वहीं मीजल्स और रूबेला अभियान (M&RI) की ओर से कहा गया कि 37 देशों में 117 मिलियन से अधिक बच्चे इसके कारण प्रभावित हो सकते हैं. इसमें कुछ अधिकतर बच्चे खसरे के प्रकोप वाले देशों में रहते हैं.
सलाहकार समूहों के द्वारा तैयार की गई WHO की नई गाइडलाइंस में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है. इन गाइडलाइंस में COVID-19 महामारी के दौरान खसरा प्रभावित देशों को टीकाकरण गतिविधियों को बनाए रखने में मदद करने का लक्ष्य रखा है. वहीं M&RI ने अपने बयान में कहा कि हम उन देशों में जहां कोरोना वायरस भयंकर रूप से फैला है, वहां पर पहले इससे निपटने की वकालत करते हैं. लेकिन इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि बच्चे अपनी वैक्सीन से चूक जाएं.
खसरा वायरस से होने वाली एक अत्यधिक संक्रामक बीमारी है. 1963 में खसरे के टीके की शुरुआत और व्यापक टीकाकरण से पहले यह महामारी हर 2-3 साल में फैल जाती थी. वहीं खसरा से हर साल वैश्विक स्तर पर अनुमानित 2.6 मिलियन लोगों की मृत्यु होती थी. सुरक्षित और प्रभावी टीका की उपलब्धता के बावजूद 2018 में खसरे से 140,000 से अधिक लोग मारे गए थे.
वहीं अभी कोरोना वायरस के कारण दुनियाभऱ में 19 लाख से अधिक लोग संक्रमित हैं. इस जानलेवा वायरस के कारण मरने वालों की संख्या भी 1.25 लाख से ऊपर चली गई है. आपको बता दें कि इसके कारण सबसे अधिक अमेरिका प्रभावित है.