रूस के हमले की सबसे ज्यादा मार आम यूक्रेनी नागरिकों पर पड़ी है. लोगों को अपने परिवार के साथ मुल्क और घर छोड़कर दूसरे देशों में शरणार्थी बनने के लिए मजबूर होना पड़ा. यूक्रेन से अब तक 20 लाख से ज्यादा लोगों ने पलायन कर दिया है. संयुक्त राष्ट्र की रिफ्यूजी एजेंसी के मुताबिक 12 लाख लोगों ने पोलैंड में शरण ली है, जबकि 1,90000 लोग हंगरी और 1,40,000 लोग स्लोवाकिया पहुंचे हैं. करीब 99,000 लोगों ने रूस छोड़ दिया है. 


इस बीच यूक्रेन ने रूस पर बड़ा आरोप लगाया है. यूक्रेन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि रूस ने Mariupol में 3 लाख नागरिकों को बंधक बनाया है. यूक्रेन के विदेश मामलों के मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने ट्वीट किया, "रूस ने मारियुपोल में 300,000 नागरिकों को बंधक बनाया. आईसीआरसी मध्यस्थता के साथ समझौतों के बावजूद वह लोगों को शहर छोड़ने से रोक रहा है. डिहाइड्रेशन से कल एक बच्चे की मौत हो गई.'


यूक्रेन के विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, 'सीजफायर का उल्लंघन! रूसी सेना अब ज़ापोरिज्जिया से मारियुपोल तक मानवीय गलियारे पर गोलाबारी कर रही है. ट्रक और बसें नागरिकों को ज़ापोरिज्जिया से निकालने के लिए तैयार हैं. रूस पर अपनी प्रतिबद्धताओं को बनाए रखने के लिए दबाव बढ़ाना चाहिए.'


बता दें कि रूस ने मंगलवार को सीजफायर का एलान किया है. यूक्रेन के चेर्निहाइव, कीव, सुमी, खारकीव और मारियुपोल से नागरिकों को निकलने के लिए मॉस्को के समयानुसार सुबह 10 बजे से सीजफायर लागू किया गया. रूस ने ये कदम सोमवार को यूक्रेन के साथ हुई तीसरे दौर की वार्ता के बाद उठाया. हालांकि ये बातचीत भी बेनतीजा रही.


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