अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या 5000 के पार, 24 घंटे में एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत
अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या 5000 के पार हो गई है. 24 घंटे में एक हजार से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. अब तक सिर्फ न्यूयॉर्क में ही दो हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.
नई दिल्लीः दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश अमेरिका कोरोना का कहर झेल रहा है. पिछले 24 घंटे में अमेरिका में कोरोना से एक हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. वहीं इस देश में कोरोना से मरने वालों की कुल संख्या पांच हजार के पार हो गई है. अमेरिका में मौत के आंकड़े चीन से ज्यादा हो चुके हैं. सिर्फ न्यूयॉर्क में ही दो हजार से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है.
न्यूयॉर्क सबसे ज्यादा प्रभावित अमेरिका में कोरोना वायरस से प्रभावित होने वाली जगहों में से न्यूयॉर्क का नाम सबसे ऊपर है. यहां कोरोना वायरस के चलते 2000 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान गंवाई है. इसके अलावा न्यूयॉर्क में ही 83,000 से ज्यादा लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हैं.
यूएस कोरोना टास्क फोर्स की प्रमुख का डरावना अनुमान अमेरिका की यूएस कोरोना टास्क फोर्स की प्रमुख डेबोरा बिर्स ने कहा कि हमारा अनुमान है कि अमेरिका में कोरोना के चलते 1 लाख से 2 लाख लोगों की मौत हो सकती है. हमारी पूरी कोशिश है कि लोगों की जान बचाई जा सके और मरने वालों का आंकड़ा कम से कम रहे.
अमेरिका में नर्सों का प्रदर्शन अमेरिका के न्यूयॉर्क में एक अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया है और बेहतर उपकरण और कोरोनो वायरस से लड़ने के लिए बेहतर सुविधाओं की मांग की. एक नर्स ने एक वीडियो के जरिए कहा कि कोरोना से लड़ने निकले हम लोग (नर्स और डॉक्टर) सुसाइड मिशन पर हैं. हमारे पास न N95 मास्क है न वायरस से बचाने वाले सूट हैं. हमारे पास कोरोनो वायरस से लड़ने वाले उपकरणों जैसे वेंटिलेटर की भी बेहद कमी है, ऐसे में हम कैसे कोरोना के खिलाफ जंग लड़ पाएंगे और खुद हमारे इस बीमारी की चपेट में आने का डर है.
डॉनल्ड ट्रंप ने कहा-मौत का आंकड़ा कम करने की कोशिश ऐसा लगता है कि अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप भी कोरोना वायरस के आगे बेबस नजर आ रहे हैं और उन्होंने एक बयान में कहा है कि देश में मौतों का आंकड़ा कम हो, सरकार इसके लिए काम कर रही है.
अमेरिका में 6 हफ्ते की बच्ची की कोरोना से मौत अमेरिका में 6 हफ्ते की बच्ची की भी कोरोना से मौत हो गई है. इसे कोरोना वायरस के कारण होने वाली सबसे कम उम्र की मौत कहा जा रहा है.