ये है इजराइल की असली ताकत, महिला जासूसों से बचना नामुमकिन
इजराइल से उसके दुश्मन डरते हैं और इसका कारण है उसकी फौजी ताकत. इजराइल के पास एक और चीज है जिससे उसके दुश्मन डरते हैं.
नई दिल्ली: इजराइल से उसके दुश्मन डरते हैं और इसका कारण है उसकी फौजी ताकत. इजराइल के पास एक और चीज है जिससे उसके दुश्मन डरते हैं. ये है मोसाद यानि इजराइल की खुफिया एजेंसी. 13 दिसंबर 1949 में शुरु की गई मोसाद को किलिंग मशीन भी कहा जाता है क्योंकि ये अपने दुशमनों को दुनिया भर में ढूंढ-ढूंढ कर कत्ल कर डालती है.
माना जाता है कि मोसाद की महिला जासूस दुनिया भर में फैली रहती हैं और इनके फेंके हनीट्रैप से बच पाना नामुमकिन है. ये महिला जासूस हत्याओं के अलावा नामुमकिन राज भी अपने दुशमनों के मुंह से उगलवा लेती हैं. बताया जाता है कि मोसाद एजेंसी में आधी तादाद महिलाओं की है.
कोवर्ट ऑपरेशन्स में मोसाद को महारथ हासिल है. इसी वजह से मोसाद एफबीआई और एमआई6 से भी अधिक खतरनाक मानी जाती है. ये एजेंसी जिस तरीके से काम करती है, दुनिया का हर ताकतवर देश इसका दीवाना है. फौज और मोसाद के कारण ही इजराइल को दुनिया का सबसे सुरक्षित देश माना जाता है.
भला कौन नहीं जानता कि 1972 में आतंकवादियों ने इजराइल के 9 खिलाड़ियों को मार दिया था जिसके बाद मोसाद ने इस वारदात में शामिल हर एक शख्स को ढूंढ-ढूंढ कर मार डाला. सभी आतंकी और साजिशकर्ताओं को मोसाद ने कत्ल कर दिया था. इसी के बाद से आतंकी भी मोसाद से पंगा लेने में डरते हैं.
1976 में युगांडा में इजराइल के 54 नागरिकों को बंधक बना लिया गया था. माना जाता है कि युगांडा भी आतंकियों के साथ मिल गया था. लेकिन मोसाद वहां घुसा और अपने 54 लोगों को मौत के मुंह से निकाल लाया. इस ऑपरेशन के जरिए मोसाद ने साबित कर दिया कि उससे बेहतर एजेंसी पूरी दुनिया में नहीं है.