Mt. Everest: माउंट एवरेस्ट बेस कैंप में पहुंचा कोरोना वायरस, पर्वतारोही की रिपोर्ट आई पॉजिटिव
कोरोना ने दुनियाभर में आतंक मचाने के बाद अपने पैर माउंट एवरेस्ट के कैंप तक पसार दिए हैं. वहां पर एक कोविड मरीज मिला है जिसके बाद कई अन्य लोगों की भी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है.
कोरोना वायरस ने पूरी दुनिया में तबाही मचाने के बाद अब माउंट एवरेस्ट पर दस्तक दे दी है. अब इसका प्रकोप एवरेस्ट बेस कैंप तक पहुंच गया है. जानकारी के मुताबिक बुधवार को बेस कैंप में एक पर्वतारोही कोविड पॉजिटिव पाया गया, जिसे काठमांडू के एक अस्पताल में भर्ती किया गया है और ये सिर्फ एक पर्वतारोही नहीं है जिसमें कोविड के लक्षण पाए गए हैं, बल्कि कई पर्वतारोही हैं, जिन्होंने बेस कैंप से बाहर जाने के बाद कोविड टेस्ट कराया और सबकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. वहीं जब पर्वतारोही चढ़ाई चढ़ते हैं तो उन्हें खूब खांसी आती है और सांस भी फूलती है जो कि एक सामान्य लक्षण होते हैं, लेकिन ये सारे लक्षण कोरोना वायरस के मरीज में भी पाए जा रहे हैं. हैरानी की बात ये है कि वहां कितने लोग कोविड से संक्रमित है इसकी कोई जानकारी नहीं है और नेपाल का पर्यटन मंत्रालय इस पर चुप्पी साधे हुए है. वहीं अल्पेंग्लो अभियानों के संस्थापक एड्रियन बॉलिंगर ने बताया कि इस बार पहले से ज्यादा कोविड मरीज होंगे जिनके आंकड़े छिपाने की कोशिश की जा रही है.
विदेशी पर्वतारोहियों को मिला परमिट
जानकारी के मुताबिक नेपाल के पर्यटन विभाग ने इस साल एवरेस्ट पर चढ़ाई करने के लिए विदेशी पर्वतारोहियों को 377 चढ़ाई परमिट जारी किए थे. वहीं एशिया में सबसे गरीब देशों में से एक नेपाल पूरी तरह से विदेशी पर्यटकों पर निर्भर है, सरकार को इस साल चढ़ाई परमिट से पहले ही 3.8 मिलियन से ज्यादा रुपए फीस के रूप में मिल चुके हैं.
कोविड अटैक के चलते बंद हो गई थी यात्रा
पिछले साल जब नेपाल में कोविड अटैक हुआ था तब नेपाल ने अपनी सीमाओं को बंद कर दिया था और एवरेस्ट की चढ़ाई भी रोक दी गई थी. जिसकी वजह से कई पर्वतारोही जो गाइड का काम करते हैं उनकी जीविका छिन गई थी और वो गरीबी में जीने को मजबूर थे.
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