Muhammad Yunus Promises: कृष्ण जन्माष्टमी से ठीक एक दिन पहले बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने देश के अल्पसंख्यकों से बड़ा वादा किया. सरकार ने अल्पसंख्यकों को भरोसा दिलाया कि उनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस की तरफ से यह बयान जन्माष्टमी से ठीक एक दिन पहले रविवार को दिया गया. मोहम्मद यूनुस ने कहा कि उनकी सरकार यह तय करेगी कि देश में धर्म और राजनीतिक आधार पर किसी के साथ भेदभाव नहीं होने पाए.
द हिंदू की रिपोर्ट में बताया गया है कि बांग्लादेश में श्री कृष्ण जन्माष्टमी पर राष्ट्रीय अवकाश घोषित है. इसके ठीक एक दिन पहले यूनुस ने टेलिविजन पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सरकार अलग धर्म का पालन करने या अलग राजनीतिक सोच रखने पर किसी के साथ भेदभाव नहीं करेगी. हम देश के सभी नागरिकों को एक परिवार के रूप में शामिल करना चाहते हैं. धार्मिक अल्पसंख्यक, जनजातियां और देश में हाशिए पर रहने वाले लोग नए बांग्लादेश में समान नागरिक हैं, उनके पास अधिकार भी एक समान होंगे.
बांग्लादेश में मनाई जा रही श्री कृष्ण जन्माष्टमी
मोहम्मद यूनुस का यह बयान काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि देश में शेख हसीना के इस्तीफे के बाद अल्पसंख्यक लगातार इस्लामिक कट्टरपंथियों के निशाने पर हैं. बांग्लादेश की राजधानी ढाका और अन्य शहरों में स्थित हिंदू मंदिरों में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है. जन्माष्टमी पर हर साल ढाका में विशाल जुलूस निकाला जाता है. 5 अगस्त को शेख हसीना की सरकार गिरने के बाद इस साल बांग्लादेश में श्री कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर कई तरह के सवाल उठ रहे थे.
हिंदुओं पर हिंसा रुकने की उम्मीद
अब मोहम्मद यूनुस के बयान के बाद माना जा रहा है कि हर साल की तरह इस साल भी बांग्लादेश में जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाएगा. मोहम्मद यूनुस के भाषण के बाद अब हिंदुओं के खिलाफ हिंसा रुकने की भी उम्मीद लगाई जा रही है. प्रोफेसर यूनुस ने कहा कि उनकी सरकार छात्रों और आम लोगों को दिए वादे पर खरी उतरेगी. उन्होंने कहा कि वे पारदर्शी तरीके से देश में दोबारा चुनाव कराने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हम शासक वर्ग के लोग नहीं हैं, हम छात्र प्रदर्शनकारियों की मांगों पर यहां काम कर रहे हैं. जब लोग चाहेंगे कि हम चले जाएं ते हम चले जाएंगे.
प्रदर्शन वापस लेने की मांग
मोहम्मद यूनुस ने आंदोलनकारियों से अपना विरोध वापस लेने की मांग की है. उन्होंने कहा कि 'हमने देखा है कि सरकारी कार्यालयों के बाहर अभी भी प्रदर्शन हो रहे हैं. ऐसे में सरकारी काम नहीं हो पा रहे हैं. आप घरों को लौट जाएं और हमें थोड़ा समय दें, उम्मीद है कि कुछ दिनों में स्थितियां ठीक हो जाएंगी.'
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