बांग्लादेश में यूनुस की अंतरिम सरकार पर खतरा, सेनाध्यक्ष ने बता दिया कब तक रहेगी सत्ता, शेख हसीना को लेकर दिया बड़ा बयान
Bangladesh News: बांग्लादेश के भीतर मौजूदा समय में अंतरिम सरकार कई सुधारों को लागू कर रही है. इस बीच आर्मी चीफ ने यह बता दिया है कि मो यूनुस की अंतरिम सरकार कब तक रहने वाली है.
Bangladesh News: शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद बांग्लादेश की बागडोर मुहम्मद यूनुस के हाथ में है. मो यूनुस ही अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार हैं. उस समय कहा गया था कि अंतरिम सरकार कुछ दिनों के लिए होगी, देश में जल्द चुनाव होंगे जिसके बाद चुनी हुई सरकार सत्ता संभालेगी. हाल में आए बयानों से लोगों को लग रहा था कि ऐसा भी हो सकता है कि मो यूनुस सत्ता ही नहीं छोड़ेंगे. फिलहाल, अब आर्मी प्रमुख के बयानों ने हर तरह की आशंकाओं पर विराम लगा दिया है. आर्मी चीफ ने साफ कर दिया है कि बांग्लादेश के भीतर कब तक मो यूनुस की सरकार चलने वाली है.
बांग्लादेश के आर्मी चीफ जनरल वकर-उज-जमान ने रॉयटर्स को दिए हालिया इंटरव्यू में बताया कि अगले डेढ़ साल तक मो यूनुस सत्ता में रहेंगे. इसी बीच चुनाव कराये जाएंगे और नई सरकार का गठन होगा. यह पहली बार है, जब आर्मी चीफ ने अंतरिम सरकार को लेकर बयान दिया है. उन्होंने कहा कि हम जल्द ही देश में लोकतांत्रिक प्रक्रिया शुरू करना चाहते हैं. हाल ही में बांग्लादेश की सरकार ने आर्मी को मिजिस्ट्रेट की पॉवर दी है, जिसके बाद अंदेशा था कि शायद अब सेना के हाथ में देश की सत्ता होगी और दोनों मिलकर सरकार चलाएंगे.
देश में सुधारों को लागू कर रहे यूनुस
सेनाध्यक्ष ने कहा कि जबतक अंतरिम सरकार रहेगी तबतक सेना उसके पीछ रहकर काम करेगी. यह तबतक चलेगा जबतक कि मुहम्मद यूनुस देश में चल रहे सुधारों को पूरा नहीं कर लेते हैं. बांग्लादेश की अंतरिम सरकार मौजूदा समय में पुलिस, इलेक्शन कमीशन, जूडिशियरी, प्रशासन और वित्तीय संस्थानों में बदलाव कर रही है. अंतरिम सरकार संविधान बदलने की भी तैयारी कर रही है. इस बीच आर्मी चीफ ने कहा के वे अंतरिम सरकार के साथ हमेशा खड़े रहेंगे, कैसी भी परिस्थिति हो.
खालिदा जिया की बढ़ी परेशानी
बांग्लादेश में आर्मी चीफ के इन बयानों के बाद शेख हसीना के साथ ही जेल से बाहर आईं खालिदा जिया के सपनों पर भी पानी फिरता नजर आ रहा है. खालिदा जिया की पार्टी बीएनपी देश में तुरंत चुनाव कराने की मांग कर रही है. बीएनपी देश के अंदर भरे गुस्से का वह चुनाव में वोट के रूप में रिजल्ट चाहती है. लेकिन देरी होने की वजह से खालिदा का सपना कमजोर होता जा रहा है.
यह भी पढ़ेंः भारत के चाणक्य नीति में फंसी म्यांमार आर्मी! इस मुद्दे पर बात करने को मजबूर, चीन को झटका