Mahfuz Alam Troll On Social Media: बांग्लादेश में शेख हसीना का तख्तापलट होने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में भारत विरोधी कर्मों को अंजाम दिया जा रहा है. लगातार भारत विरोधी बयानबाजी हो रही. ताजा घटनाक्रम में यूनुस के एक और मंत्री ने ख्याली पुलाव पकाए हैं. इतना ही नहीं भारत पर कब्जा करने की धमकी भी दे डाली.


यूनुस सरकार में सलाहकार के तौर पर काम करने वाले महफूज आलम ने सोशल मीडिया पर एक नक्शा पेश किया, जिसमें बंगाल, असम और त्रिपुरा को बांग्लादेश का हिस्सा बताया. इतना ही नहीं विजय दिवस के मौके पर किए गए इस पोस्ट के जरिए इस सलाहकार ने भारत के इन हिस्सों पर कब्जा करने की धमकी दे डाली. फिर क्या था इंडियन यूजर्स ने जमकर बखिया उधेड़ी और औकात बता दी. इसके बाद पोस्ट ही डिलीट करनी पड़ी.


समझें क्या है पूरा मामला?


दरअसल, 16 दिसंबर को भारत विजय दिवस के रूप में मनाता है क्योंकि इसी दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांट दिया था और बांग्लादेश का जन्म हुआ था. सोमवार (16 दिसंबर) को कट्टरपंथी इस्लामवादी महफूज आलम ने फेसबुक पर एक पोस्ट के जरिए पूर्वोत्तर और उत्तरी भारत के लोगों के बीच सांस्कृतिक मतभेदों के आधार पर मतभेद पैदा करने की कोशिश की. बाद में उन्होंने पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और असम को बांग्लादेश के हिस्से के रूप में दर्शाते हुए एक विवादास्पद नक्शा जारी किया. हालांकि, पोस्ट के व्यापक विरोध के बाद इसे बाद में हटा दिया गया.


महफूज आलम ने क्या पोस्ट किया था?


अपनी पोस्ट में महफूज आलम ने लिखा कि पूर्वोत्तर भारत और बांग्लादेश की संस्कृतियां धार्मिक मतभेदों से परे एक जैसी हैं. उन्होंने आगे दावा किया कि पूर्वी पाकिस्तान का निर्माण उच्च जाति के हिंदुओं और “हिंदू चरमपंथियों” के “बंगाल विरोधी रवैये” का नतीजा था. आलम ने घोषणा की, “भारत ने नियंत्रण और उपनिवेशीकरण का कार्यक्रम अपनाया है. भारत से सच्ची आजादी सुनिश्चित करने के लिए, हमें 1975 और 2024 को दोहराने की ज़रूरत है.”


गौरतलब है कि बांग्लादेश के संस्थापक नेता शेख मुजीबुर रहमान और उनके परिवार के 18 सदस्यों की 1975 में हत्या कर दी गई थी. 2024 में उनकी बेटी शेख हसीना को अलोकतांत्रिक तरीकों से प्रधानमंत्री पद से हटा दिया गया. भारत को विभाजित करने की कोशिश करते हुए आलम ने कहा, "इन घटनाओं के बीच 50 साल का अंतर है, लेकिन कुछ भी नहीं बदला है. हम भूगोल और व्यवस्थाओं में फंसे हुए हैं. हमें अब एक नए भूगोल और व्यवस्था की जरूरत है."






आलम ने तर्क दिया कि एक "छोटा, सीमित, भूमि से घिरा हुआ" बांग्लादेश कभी भी सच्ची स्वतंत्रता प्राप्त नहीं कर सकता है और अपनी बाधाओं से मुक्त होने की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने लिखा, "आज, बांग्लादेश 2024 के शहीदों के बलिदान के माध्यम से मुक्ति की मांग कर रहा है और यह सिर्फ शुरुआत है, अंत नहीं. तख्तापलट करने वाले नेता समझते हैं कि उनकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है."


आलम ने आगे कहा, "वे इस लड़ाई को समाप्त करने के लिए अभी भी अपने जीवन का बलिदान देने के लिए तैयार हैं. हमारी शहादत अंतिम विजय और मुक्ति को गति प्रदान करे! बांग्लादेश एक प्रारंभिक बिंदु है, न कि अंतिम बिंदु." आलम ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक नक्शा भी शेयर किया था जिसमें बांग्लादेश को पश्चिम बंगाल, असम और त्रिपुरा तक फैला हुआ दिखाया गया था. हालांकि, काफी हंगामा मचने के बाद उनके विवादित पोस्ट को हटा दिया गया.


इंडियन यूर्जस ने याद दिलाई औकात


महफूज आलम ने पोस्ट तो डिलीट कर दी लेकिन इंडियन यूजर्स उसके पीछे पड़ गए. पूछने लगे कि कहां भाग गए, जवाब तो दे देते. इंद्रजीत नाम के एक यूजर ने लिखा कि भारत को अब सुनिश्चित करना चाहिए कि महफूज आलम के इस कृत्य के बाद बांग्लादेश में वो महफूज महसूस न करे. इसके अलावा एक अन्य यूजर ने लिखा कि ये भारत की संप्रभुता पर हमला है, भारत को राजनयिक और सैन्य दोनों तरह से तत्काल हमला करना चाहिए और महफूज आलम को गिरफ्तार करने के लिए बांग्लादेश पर दवाब बनाना चाहिए.


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