Mumbai Terror Attacks : अमेरिका की अदालत ने मुंबई में हुए आतंकवादी हमलों में शामिल पाकिस्तानी मूल के कनाडाई व्यवसायी तहव्वुर राणा को बड़ा झटका देते हुए फैसला सुनाया है. कोर्ट ने कहा है कि उसे प्रत्यर्पण संधि के तहत भारत को प्रत्यर्पित किया जा सकता है. तहव्वुर राणा राना पर 2008 के मुंबई आतंकी हमले में शामिल होने का आरोप है.



अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित करने की लगातार कोशिशें की जा रही थीं. अब अपीलीय अदालत ने कहा कि तहव्वुर राणा को जल्द ही भारत प्रत्यर्पित किया जा सकता है. कोर्ट ने  15 अगस्त को सुनाए गए अपने फैसले में कहा कि भारत अमेरिका प्रत्यर्पण संधि राणा के प्रत्यर्पण की अनुमति देती है. राणा ने कैलिफोर्निया में अमेरिकी डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के आदेश के खिलाफ यूएस कोर्ट ऑफ अपील्स फॉर नाइंथ सर्किट में याचिका दायर की थी. कैलिफोर्निया की अदालत ने उसकी याचिका को खारिज कर दिया था. याचिका में उसने मुंबई में आतंकवादी हमलों में राणा की कथित संलिप्तता के लिए भारत प्रत्यर्पित किए जाने आदेश को चुनौती दी थी. जजों के पैनल ने माना कि राणा का अपराध संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच प्रत्यर्पण संधि की शर्तों के अंतर्गत आता है. 


7 साल जेल में काटे, फिर कोर्ट ने दिया आदेश
पाकिस्तानी नागरिक राणा पर अमेरिका की जिला अदालत में मुंबई में आतंकवादी हमले करने वाले संगठन को समर्थन देने के आरोप में केस चलाया गया था. जूरी ने राणा को एक विदेशी आतंकवादी संगठन को सहायता प्रदान करने और डेनमार्क में आतंकवादी हमलों को अंजाम देने की नाकाम साजिश में सहायता प्रदान करने की साजिश रचने का दोषी ठहराया था. हालांकि, इस जूरी ने भारत में हमलों से संबंधित आतंकवादी हमलों में मदद करने की साजिश रचने के आरोप से राणा को बरी कर दिया था. राणा को जिन आरोपों के तहत दोषी ठहराया गया था, उसने उनके लिए 7 साल जेल में काटे और उसकी रिहाई के बाद भारत ने मुंबई हमलों में उसकी संलिप्तता के मामले में केस चलाने के लिए प्रत्यर्पण का अनुरोध किया था. मजिस्ट्रेट न्यायाधीश ने उसे प्रत्यर्पित करने का प्रमाणपत्र जारी किया था. अमेरिका की जेल में बंद राणा मुंबई हमलों में संलिप्तता के आरोपों का सामना कर रहा है.


आतंकियों ने 160 से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी
तहव्वुर राणा एक पाकिस्तानी मूल का कनाडाई व्यवसायी है, जिस पर मुंबई में आतंकवादी हमले करने वाले संगठन को समर्थन देने का आरोप है. साल 2008 में पाकिस्तान से नाव में आए लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने 60 घंटे तक मुंबई को बंधक बनाए रखा था. आतंकियों ने 160 से ज्यादा लोगों की जान ले ली थी. जवाबी कार्रवाई में सुरक्षा बलों ने 9 आतंकियों को मौके पर ढेर कर दिया था, जबकि एक आतंकी अजमल कसाब जिंदा पकड़ा गया था, जिसे बाद में फांसी दे दी गई थी. मुंबई आतंकी हमले में मरने वाले लोगों में 26 विदेशी नागरिक भी थे.


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