नई दिल्ली: उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन अमेरिका पर परमाणु हमले की धमकी दे रहा है. लेकिन जिस तानाशाह के हाथ में परमाणु बम का बटन हो. क्या उस तानाशाह को मारा जा सकता है? अब अमेरिका अपने एक और सबसे बड़े दुश्मन को  नेवी सील कमांडो से मरवाने जा रही है.

किम जोंग उन. जो कभी मिसाइल से अमेरिका को धमकाता है तो कभी हाइड्रोजन बम का दावा करके दुनिया को चिंता में डाल देता है. लेकिन यहां सवाल ये है कि जिस तानाशाह के पास परमाणु बम हो, जिसके पास खतरनाक बैलेस्टिक मिसाइलें हो, क्या उस तानाशाह को मारा जा सकता है?

क्या अमेरिका किम को मार पाएगा ?

ओसामा बिन लादेन को अमेरिका ने पाकिस्तान में घुसकर मारा था. लेकिन किम जोंग उन ओसामा बिन लादेन नहीं है. सील कमांडो के लिए अपने इस ऑपरेशन को दोहरा पाना बहुत कठिन है. इसकी दो वजह हैं पहली ये कि पाकिस्तान में अमेरिकी दखल थी, वहां उसके खुफिया एजेंट भी थे. जिनकी सूचना के आधार पर ही अमेरिका ने ओसामा को मारा था. लेकिन उत्तर कोरिया एक बंद देश है, जहां किम जोंग उन के डर की वजह से स्थानीय लोग उससे बगावत नहीं करते. वहीं इस देश में बाहर से खुफिया एजेंट भेजना नामुमकिन है.

ऐसे में किम जोंग उन के बारे में सटीक जानकारी दे पाना मुमकिन नहीं है. अमेरिका इस मामले में दक्षिण कोरिया की भी मदद नहीं ले सकता, क्योंकि दोनों देशों की भाषा के उच्चारण में अंतर है. ऐसे में जासूसों के पकड़े जाने का खतरा बना रहेगा.

किम जोंग उन को मारने में दूसरी बड़ी अड़चन अंडरग्राउंड ठिकाने हैं. जो उसने कोरियाई युद्ध में अमेरिकी हवाई हमलों से बचने के लिए बनाए थे. ये ठिकाने इतने बड़े हैं कि एक वक्त में करीब-करीब पूरा उत्तर कोरिया ने इसी में शरण ली थी.  ऐसे में खुद पर हमले की जानकारी लगते ही किम अगर इनमें घुस गया तो फिर सैटेलाइट से भी उसका पता लग पाना संभव नहीं है.

किम जोंग उन को मारा तो क्या होगा ?

इस मामले में दो ही बात हो सकती है. जिसमें पहली संभावना है कि किम विरोधी और किम समर्थकों में जंग छिड़ सकती है. जिसमें अगर किम विरोधियों की जीत होती है तो वहां अमेरिकी समर्थक सरकार बन सकती है. लेकिन अगर किम समर्थक जीते तो इसके नतीजे बहुत गंभीर हो सकते हैं. किम समर्थक अपने नेता की मौत का बदला लेने के लिए अमेरिका पर परमाणु हमला भी कर सकते हैं.



किम जोंग उन के बाद कौन ?

किम को मारने से उत्तर कोरिया शांति प्रिय देश हो जाएगा. ये कहा नहीं जा सकता. इसकी वजह है किम जोंग उन की बहन किम यो जोंग. जिसे उत्तर कोरिया में दूसरा सबसे शक्तिशाली नेता माना जाता है. किम यो जोंग साए को आपने भले ही आज से पहले न देखा हो. लेकिन जानकार कहते हैं कि वो साए की तरह किम जोंग उन के साथ रहती है.

ऐसा कहा जाता है कि किम जोंग उन जो भी फैसला लेता है. वो उसकी बहन को जरूर पता होता है. यही वजह है कि किम यो जोंग को ऐसा नेता माना जाता है. जो उसकी जगह ले सकती है. किम यो जोंग कम्युनिस्ट सरकार में वरिष्ठ पद पर है. उसका जन्म 26 सितंबर 1987 को हुआ था. खास बात ये है कि किम यो जोंग, किम जोंग उन की सौतेली बहन है लेकिन दोनों भाई बहन का बचपन साथ ही बीता है.

उत्तर कोरिया पर अमेरिका सभी विकल्पों पर विचार कर रहा है. ये बात डोनाल्ड ट्रंप लगातार कह रहे हैं, लेकिन वो ये बात खुलकर नहीं बता रहे कि सभी विकल्पों पर विचार में क्या किम जोंग उन को मारना भी शामिल है. ऐसा करके वो परमाणु युद्ध के खतरे को टाल सकता है. लेकिन अगर पासा उलटा पड़ जाता है तब क्या होगा.

बता दें कि एक नियम की वजह से अमेरिका सीधे इस ऑपरेशन से नहीं जुड़ रहा है. जो कहता है कि कोई भी अमेरिकी नागरिक और अफसर दूसरे देश के नेता को मारने में शामिल नहीं होगा. ऐसे में नियम से बंधा अमेरिका दक्षिण कोरिया को आगे कर रहा है. ताकि वो अपने सबसे बड़े दुश्मन को मारकर एशिया में अपनी पकड़ मजबूत कर सके.