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अब राजनीति की पिच पर मुरलीधरन गुगली करते हुए नजर आएंगे, जानें- कौन सा पद मिल रहा है
क्या श्रीलंका में क्रिकेटर मुथैया मुरलीधरन राजनीति के ऊबड़ खाबड़ मैदान पर सफल बैटिंग कर पायेंगे ? ये सवाल तमिलों के विरोध को देखते हुए खड़ा किया जा रहा. सरकार उनको राज्यपाल बनाने की तैयारी में है.
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क्रिकेट के मैदान से बाहर राजनीति की पिच पर कई खिलाड़ी सफल बैटिंग कर रहे हैं. पाकिस्तान के इमरान खान हों, भारत के नवजोत सिंह सिद्धू और चेतन चौहान हों. ये सब राजनीति की फिल्ड पर अपनी गुगली कर रहे हैं. इसी कड़ी में अब श्रीलंका के खिलाड़ी मुथैया मुरलीधरन का नाम भी जुड़ने जा रहा है.
सरकार कर रही राज्यपाल बनाने की तैयारी
श्रीलंका के 47 वर्षीय ऑफ स्पिनर उतरी राज्य में गवर्नर बनाए जा सकते हैं. खबरों के मुताबिक मुथैया मुरलीधरन को गोटाबाया राजपक्षे की सरकार में अहम जिम्मेदारी मिलने वाली है. उन्हें तमिल बाहुल्य सूबे में राज्यपाल बनाने पर विचार किया जा रहा है. हालांकि इस सिलसिले में आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है.
दूसरी तरफ उनकी नियुक्ति को लेकर स्थानीय तमिल विरोध कर रहे हैं. क्योंकि पूर्व क्रिकेटर ने गोटाबाया के रक्षा सचिव रहते उनका समर्थन किया था. गोटाबाया पर 2005 से 2015 के दरम्यान युद्ध अपराध का आरोप लग चुका है. चुनाव बाद भारतीय तमिल और श्रीलंका के तमिल गोटाबाया के राष्ट्रपति बनने से आशंकित हैं. इससे पहले उन्होंने उनकी गिरफ्तारी की मांग की थी. लेकिन श्रीलंका की सरकार ने उनकी गिरफ्तारी से इनकार कर दिया.
मुथैया मुरलीधरन के खाते में 80 टेस्ट विकेट लेने का इतिहास है. मुरलीधरन 1996 के वर्ल्ड कैप मैच में श्रीलंका की तरफ से खेल चुके हैं. श्रीलंका की आबादी में स्थानीय तमिल और भारतीय तमिल की तादाद 12 फीसद है. तमिल उनकी नियुक्ति का विरोध इसलिए भी कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि सरकार उनकी नियुक्ति कर उनके जख्मों पर नमक छिड़क रही है. चुनाव में जीत के बाद राष्ट्रपति गोटाबाया मुरलीधरन को सम्मान देना चाहते हैं. क्या उन्हें उत्तरी सूबे का राज्यपाल या राजदूर बनाया जाएगा या फिर कई दूसरा पद दिया जाएगा ? कहा ये जा रहा है कि इसके जरिए सरकार लोगों लोगों का मूड भांपना चाहती है.
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