इस्लामाबद: सोशल मीडिया पर मंगलवार को वायरल हुए एक वीडियो में पाकिस्तान पुलिस के जवान गुलाब सिंह रोते हुए नज़र आ रहे हैं. उन्होंने पाकिस्तान में गुरुद्वारों की प्रमुख संस्था ETPB पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि इसकी वजह से उन्हें और उनके परिवार को काफी मु्श्किलों का सामना करना पड़ रहा है. वहीं उन्होंने अपने घर को सील किए जाने और पाकिस्तान से उन्हें बाहर निकाले जाने की कोशिशों को लेकर PSGPC यानि पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी प्रमुख तारा सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं.
चप्पल तक नहीं ले पाए गुलाब
आंखों में दर्द भरे आंसू लिए पाकिस्तान पुलिस के जवान गुलाब सिंह कहते हैं कि उनका परिवार सन् 1947 के दंगों में भी पाकिस्तान छोड़कर नहीं गया, लेकिन आज उन्हें ये देश छोड़ने पर मजबूर किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि उनके घर के सभी सामान के साथ सील कर दिया गया और ज्यादती इस हद तक हुई कि वो अपनी चप्पल तक नहीं ले पाए.
सिंह को निकाले जाने के पीछ ETPB का हाथ
अपने सिर पर बंधी पगड़ी को लेकर गुलाब सिंह ने कहा ये भी कई दिनों पुरानी है और उन्हें धर्म की वजह से टॉर्चर भी किया गया. आपको बता दें कि उन्हें निकालने के पीछे पाकिस्तान की Evacuee Trust Property Board (ETPB) का हाथ है. ETPB पाकिस्तान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (PSGPC) की प्रमुख संस्था है. बोर्ड का गठन 1960 में हुआ था और 1975 में इसके गठन के बाद की तमाम प्रक्रियाओं को पूरा कर लिया गया था.
पगड़ी उतार बाल खोलने के आरोप
सिंह ने गंभीर आरोपों का सिलसिला जारी रखते हुए कहा, "मुझसे गुंड़ों की तरह बर्ताव किया जा रहा है. मुझे घर से बाहर निकाल दिया गया और फिर इसे बंद कर दिया गया. ये सब बस कुछ लोगों को खुश करने के लिए किया गया है. मुझे खास तौर पर निशाना बनाया गया है. आपने ग़ौर किया होगा कि मेरे सिर पर पगड़ी तक नहीं है. उन्होंने मेरी पगड़ी तक उतार दी और मेरे बाल खोल दिए."
कोर्ट पहुंचे गुलाब
उन्होंने कहा कि ETPB ने सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी के साथ करार किया था कि पाकिस्तान में सिखों के साथ बुरा बर्ताव नहीं किया जाएगा. वो आगे बताते हैं कि इस करार के बावजूद उन्हें पाकिस्तान से बाहर निकाला जा रहा है. गुलाब कहते हैं कि गुरुद्वारे के नाम पर करोड़ों इक्ट्ठा किए गए लेकिन सिखों को इसमें कुछ नहीं मिला. सिंह ने इस सिलसिले में कोर्ट में एक केस फाइल कर रखा है.
भारत के सिखों से की मदद की गुहार
उन्होंने दिल्ली की सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी का ध्यान इस ओर खींचते हुए कहा है कि पाकिस्तान में सिखों के साथ हुए अत्याचार को भुलाया नहीं जाना चाहिए और इसे लेकर भविष्य में उठाए जा सकने वाले कदमों पर भी विचार किया जाना चाहिए. आपको बता दे कि सिंह के साथ ये सब तब शुरू हुआ जब उन्होंने PSGPC प्रमुख तारा सिंह और ETPB के कुछ अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए.
आपको बता दें कि 1960 में गठित ETPB का काम पाकिस्तान छोड़कर गए सिखों और हिंदुओं की प्रोपर्टी की देखभाल करना होता है. इसके तहत सिख और हिंदुओं के शैक्षणिक और सामाजिक संस्थान के साथ-साथ धार्मिक संस्थान भी हैं.