Myanmar Air Force Strike: म्यांमार एयर फोर्स ने म्यांमार-भारत बॉर्डर के पास 10 और 11 जनवरी को एयर स्ट्राइक (Air Strike) किया था. इसके बाद बॉर्डर पर रहने वाले रहने वाले 226 लोग सुरक्षित जगह की तलाश में भारत के मिजोरम पहुंच गए. भारत और म्यांमार के बॉर्डर एरिया के पास चम्पई नाम का डिस्ट्रिक्ट है, जहां से दस किलोमीटर दूर एक गांव है- फरकावा. रिपोर्ट के मुताबिक, इसी गांव के पास म्यांमार एयर फोर्स ने स्ट्राइक किया. जिसमें उसने चंप विक्टोरिया को अपना निशाना बनाया.
यहां पर आर्मी का मिलिट्री हेडक्वार्टर है. ये आर्मी हेडक्वार्टर फरकावा गांव से 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. जानकारी के अनुसार, एयर स्ट्राइक के बाद मंगलवार 17 जनवरी की सुबह नौ लोग वापई गांव पहुंचे थे, जिसमें 3 बच्चे दो महीने के थे और एक 70 साल के बुज़ुर्ग शामिल थे. वे सभी शरणार्थी थे, जो सुरक्षित ठिकाने की तलाश में थे.
सेल्टरों में भेजे गए जान बचाकर भागे परिवार
तुईपुईरल ग्रुप यंग मिजो एसोसिएशन (YMA) के अध्यक्ष एम ललरामेंगा ने मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि शरणार्थियों का एक ग्रुप शनिवार (14 जनवरी) को फरकावा गांव आया था. जिनमें 197 लोग शामिल थे और कुल 44 फैमली थीं. इसके बाद रविवार (15 जनवरी) को भी 20 लोग चम्पई गांव में आए थे. वे सभी खनखावा, तलंगूपुई और लुगंलेर गांव में मौजूद शेल्टरों में भेज दिए गए हैं.
सिविल सोसाइटी के लोगों ने भारत सरकार से कि मांग
इस बीच एक बहस शुरू हो चुकी है कि क्या म्यांमार ने भारतीय बॉर्डर को निशाना बनाते हुए हमले किए थे. सिविल सोसाइटी के लोगों ने भारत सरकार से ये मांग की है इस पर जरूरी कदम उठाए. चम्पई डिस्ट्रिक्ट के डिप्टी कमिश्नर जेम्स ललरिनचाना ने स्टेट होम डिपार्टमेंट को जानकारी दी कि म्यांमार एयर फोर्स के तरफ से किए गए एयर स्ट्राइक के दौरान एक बम तीयु नदी के पास आकर गिरा था, जो मिजोरम-म्यांमार बॉर्डर के पास स्थित है. उन्होंने कहा कि एक ट्रक घटना-स्थल पर था, जो बम फटने के वजह से डैमेज हो गया. हालांकि दूसरे दिन हुए एयर स्ट्राइक में भारत में कोई नुकसान नहीं हुआ था.