म्यांमार में पिछले महीने हुए तख्तापलट के विरोध में प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिसकर्मियों और सेना ने अंधाधुंध गोलियां चलाईं, जिसमें 114 लोगों की मौत हो गयी है. शनिवार को सशस्त्र बल दिवस के मौके पर देशभर में कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसाई गई. मारे गए लोगों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे. संयुक्त राष्ट्र, यूरोपीय यूनियन, अमेरिका और इंग्लैंड ने इस पर म्यांमार सेना की निंदा की है.


तख्तापलट के बाद से ही म्यांमार में जगह जगह पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. गत एक फरवरी से जारी प्रदर्शनों में अब तक 400 से ज्यादा लोगों की जान जा चुकी है. जहां म्यांमार में एक ओर प्रदर्शनकारियों पर गोलियां बरसाई जा रही थीं वहीं राजधानी नेपीता में सैन्य दिवस के मौके पर आयोजित परेड के दौरान सैन्य शासक वरिष्ठ जनरल मिन आंग सेना द्वारा लोगों को सुरक्षा देने की बात कह रहे थे.


सरकारी टीवी ने पहले ही जारी कर दी थी चेतावनी


म्यांमार में सरकारी एमआर टीवी ने शुक्रवार रात इस बात को लेकर पहले ही चेतावनी जारी कर दी थी कि शनिवार को सशस्त्र बल दिवस के मौके पर सड़क पर विरोध प्रदर्शन करने पर प्रदर्शनकारियों को गोली मारी जा सकती है. इसकी परवाह किए बिना बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी म्यांमार की सड़कों पर उतर आए. ऑनलाइन समाचार वेबसाइट ‘म्यांमार नाउ’ ने बताया कि देशभर में सुरक्षा बलों की फायरिंग में 114 लोगों की मौत हो गयी है. देश के सबसे बड़े शहर यंगून में 27 लोगों की मौत हुई जबकि मांडले में पांच साल के एक बच्चे समेत 40 लोग मारे गए.


अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही है निंदा 


म्यांमार में तख्तापलट कर सत्ता पर काबिज होने वाली सेना पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है. इन हत्याओं को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक निंदा हुई है और म्यांमार में कई कूटनीतिक मिशनों ने बयान जारी किए हैं जिनमें शनिवार को बच्चों समेत नागरिकों की हत्या का जिक्र है.


ब्रिटेन के राजदूत डेन चग ने एक बयान में कहा है कि ''सुरक्षाबलों ने निहत्थे नागरिकों पर गोलियां चलाकर अपनी प्रतिष्ठा खो दी है.'' अमरीकी दूतावास का कहना है कि सुरक्षाबल 'निहत्थे आम नागरिकों की हत्या' कर रहे हैं. इस बीच, सैन्य शासन विरोधी समूह (सीआरपीएच) के प्रवक्ता डॉ. सासा ने कहा, 'सुरक्षा बलों के लिए आज का दिन शर्म करने वाला है.'


म्यांमार के लिये यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल ने ट्विटर पर कहा, “76वां म्यांमार सशस्त्र बल दिवस आतंक और असम्मान के दिन के तौर पर याद किया जाएगा. बच्चों समेत निहत्थे नागरिकों की हत्या ऐसा कृत्य है जिसका कोई बचाव नहीं है.”


यह भी पढ़ें  


Delhi Encounter: दिल्ली के GTB अस्पताल से फरार हुआ बदमाश कुलदीप उर्फ फज्जा एनकाउंटर में ढेर


किसान आंदोलन का 122वां दिन, दिल्ली बॉर्डर पर आज होगा होलिका दहन, कृषि कानून की कॉपियां जलाएंगे