Myanmar Aung San Suu Kyi: म्यांमार की मिलिट्री सरकार ने आंग सू की को 5 मामलों में दी माफी, 2021 से जेल में हैं बंद
Myanmar: म्यांमार विद्रोहियों और जुंटा के बीच संघर्ष में फंसा हुआ है, जिसके कारण दस लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. आंग सान सू की को पांच आपराधिक मामलों में माफ़ कर दिया गया है.
Myanmar Aung San Suu Kyi: म्यांमार (Myanmar) के सत्तारूढ़ जुंटा (junta) ने अपदस्थ नेता आंग सान सू की को कुछ मामलों में माफ कर दिया गया है. इस बात की जानकारी देश के सरकारी न्यूज एजेंसी ने मंगलवार (1 अगस्त) को दी. आंग सान सू (Aung San Suu Kyi) को आज से 2 साल पहले यानी 2021 को सैन्य तख्तापलट के तहत हिरासत में लिया गया था. आंग सान सू के ऊपर कुल 19 मामले दर्ज है. स्काई न्यूज के रिपोर्ट के मुताबिक उन्हें 5 मामलों में माफ किया गया है, जबकि 14 बाकी हैं. हालांकि, उन्हें रिहा नहीं किया जाएगा.
डेमोक्रेटिक रूप से निर्वाचित नेता राष्ट्रपति विन म्यिंट को माफ नहीं किया जाएगा, बल्कि उनकी केवल सजा कम की जाएगी. ये दोनों नेता फरवरी 2021 के तख्तापलट के बाद से जेल में बंद हैं. जुंटा ने सू की को 19 अपराधों के लिए दोषी ठहराया है, जिसमें कुल 33 साल की जेल की सजा का प्रावधान है. उन पर कथित तौर पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने, अवैध वॉकी टॉकी रखने और कोरोना वायरस प्रतिबंधों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया गया था.
7,000 से अधिक कैदियों की सजा माफ
म्यांमार रेडियो और टेलीविजन के रिपोर्ट के मुताबिक राज्य प्रशासन परिषद के अध्यक्ष ने दाऊ आंग सान सू की को माफ कर दिया, जिन्हें संबंधित अदालतों ने सजा सुनाई थी. समाचार एजेंसी AFP ने एक अलग रिपोर्ट में कहा कि बौद्ध लेंट को चिह्नित करने के लिए 7,000 से अधिक कैदियों की जुंटा माफी में सू की को माफ कर दिया गया था.
हाल ही में नेता आंग सान सू की को राजधानी नेपीडॉ की जेल में नजरबंद कर दिया गया है. नेपीताव में म्यांमार की राष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा परिषद (NDSC) ने सोमवार को देश की आपातकाल की स्थिति और जुंटा के कार्यकाल को छह महीने की अवधि के लिए बढ़ाने का फैसला किया. ये चौथी बार है जब जुंटा नेता जनरल आंग मिन ह्लाइंग ने आपातकाल बढ़ाया है.
नोबेल शांति पुरस्कार विजेता
म्यांमार विद्रोहियों और जुंटा के बीच संघर्ष में फंसा हुआ है, जिसके कारण दस लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं. आंग सान सू की को पांच आपराधिक मामलों में माफ़ कर दिया गया है लेकिन उन पर अभी भी 14 अन्य मामले चल रहे हैं. 78 वर्षीय सू म्यांमार के स्वतंत्रता नायक की बेटी हैं.
उन्हें पहली बार 1989 में दशकों के सैन्य शासन के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन के बाद घर में नजरबंद कर दिया गया था. उन्होंने 1991 में लोकतंत्र के लिए अभियान चलाने के लिए नोबेल शांति पुरस्कार जीता. 2010 में उन्हें घर की गिरफ्तारी से पूरी तरह रिहा कर दिया गया.
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