म्यांमार तख्तापलट: सेना की कार्रवाई में 18 प्रदर्शनकारियों की मौत, भारतीय दूतावास ने बयान जारी कर कही ये बात
यूएन मानवाधिकार कार्यालय की ओर से कहा गया कि उन्हें विश्वसनीय जानकारी मिली है कि म्यांमार में तख्तापलट विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ रविवार को की गई कार्रवाई में कम से कम 18 लोग मारे गए और 30 से ज्यादा घायल हुए हैं.
नई दिल्ली: म्यांमार में आज तख्तापलट के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर सेना की कार्रवाई में 18 व्यक्तियों के मारे जाने की खबर है और 30 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. पड़ोसी मुल्क में हुई इस घटना पर म्यांमार में भारतीय दूतावास ने बयान जारी कर कहा है कि यंगून और म्यांमार के अन्य शहरों में लोगों की जान जाने से गहरा दुख हुआ है. दूतावास की ओर से कहा गया है कि सभी संयम बरते और बातचीत के ज़रिए मुद्दे को सुलझाया जाना चाहिए.
म्यांमार में भारतीय दूतावास की ओर से कहा गया, "यंगून और म्यांमार के अन्य शहरों में लोगों की जान जाने से गहरा दुख हुआ है. हम मृतकों के परिवारवालों और उनके प्रियजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं. हम सभी से संयम बरतने और शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने का आग्रह करते हैं."
Embassy of India is deeply saddened by loss of lives in Yangon and other cities of Myanmar today. We express our heartfelt condolences to families and loved ones of those deceased. We would urge all to exercise restraint and resolve issues through dialogue in a peaceful manner.
— India in Myanmar (@IndiainMyanmar) February 28, 2021
आपको बता दें कि आज यूएन मानवाधिकार कार्यालय की ओर से कहा गया कि उन्हें विश्वसनीय जानकारी मिली है कि म्यांमार में तख्तापलट विरोधी प्रदर्शनकारियों के खिलाफ रविवार को की गई कार्रवाई में कम से कम 18 लोग मारे गए और 30 से ज्यादा घायल हुए हैं. म्यांमार के कई शहरों का जिक्र करते हुए बयान में कहा गया, "यंगून, डावी, मांडले, म्येइक, बागो और पोकोक्कु में भीड़ के बीच गोला बारूद फेंका गया, जिसकी वजह से मौतें हुईं."
बयान में कहा गया, "कई जगहों पर आंसू गैस का इस्तेमाल किया गया. इसके साथ ही साथ फ्लैश-बैंग और स्टन ग्रेनेड का भी इस्तेमाल किया गया.” यू एन मानवाधिकार कार्यालय की प्रवक्ता रवीना शमदासानी ने कहा, "हम म्यांमार में विरोध प्रदर्शनों के खिलाफ बढ़ती हिंसा की निंदा करते हैं और शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सेना के इस्तेमाल को तुरंत रोकने के लिए कहते हैं."
गौरतलब है कि 1 फरवरी 2021 को म्यांमार में सेना ने तख्तापलट करते हुए आंग सान सू की सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था. अब म्यांमार में बड़े स्तर पर सेना के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. तख्तापलट के बाद से किसी एक दिन मारे जाने वाले लोगों में ये सबसे बड़ा आंकड़ा है. प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि आंग सान सू की कि चुनी हुई सरकार को फिर से बहाल किया जाए.