Myanmar Navy Base: अंडमान के करीब इस द्वीप पर म्यांमार बना रहा नेवी बेस, भारत को घेरने की ये चीन की नई साजिश तो नहीं?
Myanmar: म्यांमार अंडमान निकोबार से करीब 60 किमी की दूरी पर स्थित इस द्वीप पर खुफिया नौसेना बेस का निर्माण कर रहा है. सैटेलाइन की ताजा तस्वीरों में नए सिरे से निर्माण की गतिविधियां नजर आ रही हैं.
Coco Island: अंडमान निकोबार के करीब म्यांमार के कोको द्वीप के पास बड़े पैमाने पर सैन्य निर्माण किए जा रहे हैं. इससे कई तरह के संदेह पैदा हो रहे हैं. कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हाल के महीनों में यहां रनवे, हैंगर और रडार स्टेशन समेत अन्य निर्माण किए जा रहे हैं. सैटेलाइन से ली गई ताजा तस्वीरों में तेजी से हो रहे निर्माण की बात सामने आई है.
म्यांमार अंडमान निकोबार से करीब 60 किलोमीटर की दूरी पर स्थित इस द्वीप पर खुफिया नौसेना (नेवी) बेस का निर्माण कर रहा है. सैटेलाइन की ताजा तस्वीरों में नए सिरे से निर्माण गतिविधि दिखाई देती है. इन निर्माण में 2,300 मीटर का रनवे साफ़ तौर पर देखने को मिला है. ये कई तरह के सवाल पैदा कर रहा है. एक्सपर्ट कोको द्वीप पर इस तरह की नई गतिविधियों के पीछे चीन का हाथ बता रहे हैं.
गौरतलब है कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह भारत के पूर्वी तट से 1,200 किमी दूर है. मालूम हो कि भारत अपनी ओर से 572-द्वीप अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में बुनियादी ढांचे का निर्माण कर रहा है. इस वजह से चीन कहीं न कही बौखलाया हुआ है. ऐसे में वह कोई भी नया पैंतरा आजमा सकता है.
भारत की जासूसी तो नहीं कर रहा चीन?
कोको द्वीप भारतीय द्वीपसमूह के उत्तर की ओर लगभग 42-55 किमी दूर स्थित है. हमेशा से आशंका जताई जाती रही है कि चीन इस द्वीप का प्रयोग भारत की जासूसी करने के लिए कर रहा है. हालांकि अब तक कोई पुख्ता सबूत हाथ नहीं लगे हैं. एक अधिकारी ने कहा कि अगर चीन कोको द्वीप समूह में बुनियादी ढांचे के निर्माण के पीछे सीधे तौर पर है, तो जाहिर तौर पर यह भारत के लिए बड़ी चिंता का विषय होगा.
अंडमान और निकोबार द्वीप क्यों है अहम
बता दें कि अंडमान और निकोबार द्वीप समूह का अपना रणनीतिक महत्व है. चीन जैसे पड़ोसी मुल्क के साथ आंख से आंख मिलाने के लिए यह बेहद ख़ास हो जाता है. यही वजह है कि भारत यहां अपना नौसैनिक अड्डा विकसित कर रहा है. वर्तमान में सात वायु सेना और नौसेना के ठिकाने के लिए इस क्षेत्र में काम चल रहा है