Myanmar Crisis: म्यामांर में प्रदर्शनों को दबाने में जुटी सेना, चीनी विमानों से हमले कर आम लोगों को मार रही, मानवाधिकार संगठनों की दुनिया से गुहार- न दें जेट फ्यूल
Myanmar News: म्यामांर में सेना अपने विरोधियों को ढूंढने में कोई कसर नहीं छोड़ रही. एक रिपोर्ट के मुताबिक 6 महीने में आम लोगों पर हमले की 135 घटनाएं हो चुकी हैं.
Myanmar Military Airstrikes: भारत के पड़ोसी देश म्यांमार में सैन्य-सत्ता के कारण आवाम के हालात खराब हैं. म्यांमार की सेना कहीं शांतिपूर्ण तरीके के विरोध-प्रदर्शन भी नहीं होने देती. कहीं-कहीं तो सेना भीड़ को लड़ाकू विमानों से निशाना बना रही है. आसमान से बम बरसा दिए जाते हैं, जिनमें काफी महिला, बच्चे और बुजुर्गों की जान जा चुकी हैं.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 19 जनवरी को म्यांमार के सागैंग इलाके में कुछ लोग एक कार्यक्रम के लिए पंडाल में इकट्ठा हो रहे थे. वहीं, नैंग को नाम का एक युवक पंडाल से कुछ दूरी पर खड़ा था. उसी दौरान आसमान में लड़ाकू विमान दिखाई दिए. उन विमानों ने आते ही बम गिराने शुरू कर दिए. बचने के लिए लोग पंडाल की तरफ भागे. मगर वहां चारों तरफ आग लग चुकी थी. म्यांमार सेना के विमानों से किए गए हमले में नैंग की मां समेत 8 लोगों की जान चली गई. लोगों का कहना है कि म्यांमार की सेना यहां इसी तरह हवाई हमले करके लोगों को मार रही है. खास बात यह है कि जिन विमानों से हमले किए जा रहे हैं वे चीनी लड़ाकू विमान हैं.
सिविल एयरलाइन के जेट फ्यूल यूज कर रही सेना
आमजन पर हमलों को रोकने के लिए अब कई मानवाधिकार संगठनों और देशों ने म्यांमार को जेट फ्यूल देने पर बैन लगाने की मांग की है. अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, म्यांमार का विपक्ष भी म्यांमार की सत्ता को जेट ईंधन पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहा है. इससे पहले यहां पिछले साल नवंबर के महीने में भी सेना पर ऐसे आरोप लगे थे कि वो सिविल एयरलाइन के लिए मिलने वाले जेट फ्यूल का इस्तेमाल लड़ाकू विमानों में कर रही है.
म्यांमार में अब सैन्य-तानाशाह राज कर रहा है, जिसने लोकतांत्रिक सरकार को उखाड़ फेंका था. अब यहां काफी समय से चुनाव कराए जाने की खबरें आ रही हैं. संयुक्त राष्ट्र ने कई बार चिंता जताई है.