Myanmar Military Attack: म्यांमार के मध्य इलाके में मंगलवार (11 अप्रैल) को सैन्य शासन के विरोधियों के आयोजित एक कार्यक्रम पर सेना ने हमला किया है. इस घटना में कम से कम 100 लोगों को मारे गए हैं. वहीं, सागैंग क्षेत्र के निवासियों का हवाला देते हुए, बीबीसी बर्मीज़, रेडियो फ्री एशिया (RFA), और इरावदी समाचार पोर्टल ने बताया कि हमले में नागरिकों सहित 50 लोगों की मौत हुई है.


हालांकि रॉयटर्स ने इस घटना को लेकर सत्यापन नहीं किया है क्योंकि सत्तारूढ़ सेना के प्रवक्ता ने फोन कॉल का जवाब नहीं दिया है. जुंटा का विरोध करने वाले पीपुल्स डिफेंस फोर्स (पीडीएफ) के सदस्य ने रॉयटर्स से कहा है कि उनके स्थानीय कार्यालय के उद्घाटन के लिए आयोजिक एक कार्यक्रम में लड़ाकू विमानों ने गोलीबारी कर दी.


क्या कहना है पीडीएफ सदस्य का?


पीडीएफ सदस्य ने पहचान जाहिर न करने की शर्त पर कहा, "अब तक, हताहतों की सही संख्या अभी भी पता नहीं चल पाई है. हम अभी तक शवों को वापस नहीं ला पाए हैं." म्यांमार की सेना ने एक फरवरी, 2021 को आंग सान सू की की चुनी हुई सरकार से सत्ता हथिया ली थी.


इसके बाद उन्हें और उनकी सत्तारूढ़ नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी पार्टी के शीर्ष नेताओं को गिरफ्तार कर लिया था. इसके खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन हुए और लगभग 2 हजार से अधिक नागरिकों की मौत हो गई. इस सैन्य कार्रवाई ने देश के अधिकांश हिस्सों में लोगों को हथियार उठाने के लिए मजबूर किया.


दो साल पहले म्यांमार में सेना ने सरकार पर कब्जा कर लिया था. इसी को लेकर अब संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस ने म्यांमार के लोगों की लोकतांत्रिक आकांक्षाओं के लिए अपनी आवाज उठाई. उन्होंने म्यांमार के सेनाओं को चेतावनी दी है कि नागरिकों और राजनीतिक नेताओं पर कार्रवाई से सेना के नियोजित चुनाव देश में अस्थिरता को बढ़ा सकते हैं.


संयुक्त राष्ट्र के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने कहा कि महासचिव म्यांमार में सभी प्रकार की हिंसा की कड़ी निंदा करते हैं, क्योंकि इससे देश के हालात बिगड़ रहे हैं और ये गंभीर क्षेत्रीय प्रभाव को भी बढ़ावा दे रहा है.


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