Aung San Suu Kyi Bribe Case: म्यांमार (Myanmar) की एक सैन्य-नियंत्रित अदालत (Military-Controlled Court) ने अपदस्थ नेता आंग सान सू की को एक स्थानीय व्यवसायी से रिश्वत (Bribe) लेने का दोषी पाए जाने पर 3 साल और जेल की सजा सुनाई है. 77 वर्षीय नोबेल शांति पुरस्कार विजेता को बुधवार को नेपीडॉ में अदालत ने भ्रष्टाचार (Corruption) के दो आरोपों में दोषी ठहराया था. अदालत ने फैसला सुनाया कि सू की ने कंस्ट्रक्शन मैग्नेट मोंग वाइक से 550,000 डॉलर की रिश्वत ली थी.


कई मामलों में हो चुकी है जेल की सजा


सू की अब भी एक हेलीकॉप्टर की खरीद से संबंधित पांच और भ्रष्टाचार के आरोपों में फैसले की प्रतीक्षा कर रही हैं. सू की पहले से ही अवैध आयात और वॉकी-टॉकी के कब्जे से लेकर कोविड-19 (Covid-19) प्रतिबंधों को तोड़ने तक के आपराधिक आरोपों के लिए 23 साल की जेल का सामना कर रही थीं. पिछले महीने अदालत ने सू की और ऑस्ट्रेलियाई अर्थशास्त्री सीन टर्नेल सहित पूर्व सहयोगियों को औपनिवेशिक युग के आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम का उल्लंघन करने का दोषी ठहराया था.


अब किस मामले में दोषी ठहराया गया?


राज्य के प्रसारक MRTV ने पिछले साल एक वीडियो क्लिप दिखाया था, जिसके बाद भ्रष्टाचार के दो आरोप दायर किए गए थे, जिसमें मोंग वाइक ने सू की को 2018 और 2020 के बीच चार किस्तों में नकद भुगतान करने का दावा किया था, ताकि उनके व्यवसाय में मदद मिल सके. सू की ने सभी आरोपों से इनकार किया है और दोषी नहीं होने का अनुरोध किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उनकी कानूनी टीम फैसले के खिलाफ अपील करने की योजना बना रही है. 


सैन्य कार्रवाई में 2,300 से अधिक मारे गए


2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के बीच दक्षिण पूर्व एशियाई देश बढ़ती मुद्रास्फीति और सिकुड़ते विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा है. विश्व बैंक ने कहा कि पिछले महीने से म्यांमार की अर्थव्यवस्था कमजोर बनी हुई है. राजनीतिक कैदियों के लिए सहायता संघ का कहना है कि तख्तापलट के बाद से लोकतंत्र समर्थक आंदोलनों पर सैन्य कार्रवाई में 2,300 से अधिक नागरिक मारे गए हैं और 15,800 अन्य गिरफ्तार किए गए हैं.


ये भी पढ़ें-


Russia Ukraine War: जो बाइडेन बोले- पुतिन को लगा यूक्रेन पर आसानी से कब्‍जा कर लेगा रूस पर वो गलत गणित लगा बैठे


“मेरा कोई इरादा नहीं, लेकिन...”, यूक्रेन-रूस जंग के बीच पुतिन के साथ मीटिंग को लेकर जानें क्या बोले राष्ट्रपति बाइडेन