म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद लगातार स्थिति खराब होती जा रही है. म्यांमार के मुख्य शहर यंगून में प्रदर्शनकारियों के नेताओं पर नकेल कसने के लिए सुरक्षा बलों ने रात भर छापे मारे. इसके बावजूद रविवार को म्यांमार में सड़कों पर हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया. ये लोग पिछले महीने हुए तख्तापलट का विरोध कर रहे हैं.


स्थानीय मीडिया ने कहा कि सबसे बड़ा प्रदर्शन म्यांमार के दूसरे बड़े शहर मांडले में हुआ. यंगून, भारतीय सीमा के पास स्थित कालाय और दक्षिण में तटीय शहर दावी में भी विरोध प्रदर्शन हुए. प्रदर्शन में हिंसा की कोई जानकारी नहीं आई है.


यंगून में कुछ लोगों को किया गिरफ्तार
स्थानीय निवासियों के अनुसार रविवार के शुरुआती घंटों में सैनिकों और पुलिस ने यंगून के कई जिलों में गोलीबारी की. उन्होंने बताया कि क्युकटाडा टाउनशिप में कम से कम तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और उन्हें गिरफ्तारी का कारण नहीं बताया गया. संसद के सदस्य रहे सिथु माउंग ने एक फेसबुक पोस्ट में कहा कि सैनिक सू की की नेशनल लीग फॉर डेमोक्रेसी के लिए काम कर चुके एक वकील की भी तलाश में भी आए थे लेकिन उन्हें ढूंढ नहीं पाये.


1,700 से ज्यादा लोगों को किया डिटेन करने का दावा
राजनीतिक कैदियों के एडवोकेसी ग्रुप AAPP के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार तक 1,700 से अधिक लोगों को डिटेन किया गया है. इसमें रात को डिटेन किए गए लोगों के आंकड़े शामिल नहीं हैं. AAPP ने एक बयान में कहा कि सेना और पुलिस लोगों से मारपीट करके पुलिस की गाड़ियों में ले जा रही है. सुरक्षा बलों ने रिहायशी इलाकों में घुसकर प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करने की कोशिश और गोलाबारी की.


सुरक्षा बलों की कार्रवाई में हो चुकी हैं 50 से ज्यादा मौतें
म्यांमार में एक फरवरी को आंग सान सू सहित कई नेताओं को हिरासत लेकर किए गए तख्तापलट के बाद से ही उथल-पुथल मची हुई है. रोजाना हो रहे प्रदर्शनों और स्ट्राइक से व्यापार चौपट हो रहा है और प्रशासन पैरालाइज हो गया है. संयुक्त राष्ट्र के अनुसार म्यांमार के सुरक्षा बलों की कार्रवाई में 50 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.


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