कांप गया म्यांमार, तबाही के बाद फिर भीषण भूकंप, जानें ताजा हालात
Earthquake in Myanmar: शुक्रवार को आए भयंकर भूकंप के बाद म्यांमार में अब भी धरती कांप रही है. यूएसजीएस के मुताबिक, रविवार को मांडले शहर के पास 5.1 तीव्रता का भूकंप आया.

Earthquake in Myanmar: शुक्रवार को आए भयंकर भूकंप के बाद म्यांमार में अब भी धरती कांप रही है. यूएसजीएस के मुताबिक, रविवार को मांडले शहर के पास 5.1 तीव्रता का भूकंप आया. यह शुक्रवार के विनाशकारी भूकंप के बाद का नया झटका था.
भूकंप महसूस होते ही लोग डर से चीखते हुए सड़कों पर आ गए. शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप से कई इमारतें गिर गईं और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान हुआ. अब तक 1,600 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 3,400 से अधिक लोग लापता हैं. आशंका है कि मरने वालों की संख्या और बढ़ सकती है.
म्यांमार में लगातार भूकंप के झटके
म्यांमार में भूकंप का सिलसिला जारी है. रविवार दोपहर आए भूकंप से पहले, शुक्रवार को आए 7.7 तीव्रता के बड़े झटके के बाद शनिवार शाम तक कम से कम पांच और झटके महसूस किए गए. इनमें से सबसे तेज़ झटका 6.4 तीव्रता का था. लगातार भूकंप आने से लोग डरे हुए हैं और अफरा-तफरी का माहौल बना हुआ है. म्यांमार भूकंप के खतरे वाले क्षेत्र में आता है क्योंकि यह सागाइंग फॉल्ट पर स्थित है. यह फॉल्ट इंडिया प्लेट और सुंडा प्लेट को अलग करता है, जिस वजह से यहां बार-बार भूकंप आते रहते हैं.
'40 टन सहायता सामग्री लेकर दो जहाज रवाना'
इससे पहले विनाशकारी भूकंप की चपेट में आए म्यांमार की मदद के लिए भारत हर संभव मदद कर रहा है. विदेश मंत्री जयशंकर ने शुक्रवार को जानकारी दी कि 40 टन सहायता सामग्री लेकर दो जहाज पड़ोसी मुल्क के लिए रवाना हो गए हैं. एस जयशंकर ने लिखा, "ऑपरेशन ब्रह्मा, आईएनएस सतपुड़ा और आईएनएस सावित्री 40 टन मानवीय सहायता लेकर यांगून बंदरगाह की ओर बढ़ रवाना."
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने जानकारी दी कि 80 सदस्यीय एनडीआरएफ खोज एवं बचाव दल भी नेप्यी ताव के लिए रवाना हुआ. ये दल म्यांमार में बचाव कार्यों में सहायता करेंगे. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को म्यांमार के वरिष्ठ जनरल महामहिम मिन आंग ह्लाइंग से बात की. उन्होंने कहा कि भारत इस मुश्किल घड़ी में म्यांमार के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है.
क्यों आता है भूकंप
भूकंप तब आता है जब धरती के अंदर प्लेटों में हलचल होती है. हमारी पृथ्वी की ऊपरी सतह कई टेक्टोनिक प्लेटों में बंटी हुई है, जो लगातार धीमी गति से हिलती रहती हैं. जब ये प्लेटें आपस में टकराती हैं, एक-दूसरे के नीचे या ऊपर खिसकती हैं, या किसी जगह फंस जाती हैं, तो बहुत ज्यादा दबाव बन जाता है. जब यह दबाव बहुत ज्यादा हो जाता है, तो प्लेटें अचानक खिसक जाती हैं और भूकंप के झटके महसूस होते हैं.
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