जिनेवा: संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यालय की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि म्यांमार में रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ हमले, लोगों में बड़े पैमाने पर डर का माहौल पैदा करने की रणनीति की ओर इशारा करते हैं. बुधवार को जारी यह रिपोर्ट मध्य सितंबर में व्यक्तियों और समूहों के साथ किए गए 65 इंटरव्यू के आधार पर तैयार की गई है.


अगस्त महीने में म्यांमार में उग्रवादी हमले के बाद सेना की तरफ से शुरू किए गए अभियान की वजह से पांच लाख से अधिक रोहिंग्या भाग कर बांग्लादेश में दाखिल हो गए. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख जैद राद अल हुसैन ने कहा कि म्यांमार की सरकार की ओर से रोहिंग्या लोगों को अधिकार देने से इनकार किया जाना इन लोगों को जबरन यहां से बाहर करने की साजिश दिखाई पड़ती है.


रिपोर्ट में कहा गया है कि रोहिंग्या लोगों के भौगोलिक क्षेत्र में उनकी निशानियों को खत्म करने की कोशिशें की गईं और शिक्षकों, सांस्कृतिक और धार्मिक नेताओं को निशाना बनाया गया.


बांग्लादेश में रोहिंग्या शरणार्थियों की मदद करता रहेगा संयुक्त राष्ट्र