लंदन: म्यांमार की स्टेट काउंसिलर आंग सान सू की से रोहिंग्या मुसलमानों पर अत्याचार के बाद उनके द्वारा उठाए गए कदम की वजह से ऑक्सफोर्ड सम्मान अधिकारिक रूप से वापस ले लिया गया है. ऑक्सफोर्ड सिटी कौंसिल ने सर्वसम्मति से साल 1997 में सू की को दिए गए इस सम्मान को स्थायी रूप से हटाने के लिए वोट किया था और कहा था कि 'जो हिंसा को लेकर अपनी आंखें मूंद लेते हैं, उन्हें यह पुरस्कार नहीं दिया जा सकता.'
द गार्जियन की रिपोर्ट के अनुसार, ऑक्सफोर्ड कांसिलर्स ने इससे पहले पुरस्कार को वापस लेने के लिए क्रास-पार्टी मोशन को समर्थन दिया था. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब म्यांमार के शक्तिशाली सैन्य प्रमुख ने दौरे पर आए पोप फ्रांसिस से कहा कि म्यांमार में 'कोई धार्मिक भेदभाव' नहीं हुआ है.
सम्मान वापस लेने के पक्ष में वोट डालने वाली काउंसिलर मार्क क्लार्कसन ने कहा, "जब 1997 में आंग सान सू की को 'फ्रीडम ऑफ द सिटी' सम्मान दिया गया था तो वह उस समय ऑक्सफोर्ड के सहिष्णुता और अंतर्राष्ट्रीयता को परिलक्षित करती थी."
उन्होंने कहा, "म्यांमार में सैन्य शासन को लेकर उसके विरोध में हमने उनका साथ दिया था. आज हम उनसे रोहिंग्या समुदाय के उत्पीड़न के बाद उनकी प्रतिक्रिया के विरोधस्वरूप यह पुरस्कार वापस ले रहे हैं."