इजराइल में प्रधानमंत्री के रूप 49 साल के नफ्ताली बेनेट ने रविवार को शपथ ली है. दरअसल इनको संसद में बहुमत हासिल हुआ जिसके बाद इन्होंने अपना कार्यभार संभाल लिया है. जानकारी के मुताबिक इजराइल संसद ‘नेसेट’ में 120 सदस्य हैं, जिसमें 60 सदस्यों ने पक्ष में और 59 सदस्यों ने विरोध में मतदान किया है. वहीं नफ्ताली की सरकार में 27 मंत्री हैं जिनमें से नौ महिलाएं हैं. इस बार नई सरकार ने नई विचारधाराओं के सदस्यों को चुना है, जिसमें दक्षिणपंथी, वाम, मध्यमार्गी के साथ अरब समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाली एक पार्टी भी शामिल है. इसी के साथ बतौर संसद के स्पीकर के रूप में येश एतिद पार्टी के मिकी लेवी को चुना गया है. उनके पक्ष में 67 सदस्यों ने मतदान किया था.
माना जा रहा है जिस समय बेनेट ने संसद में अपने संबोधन के दौरान अपनी सरकार के मंत्रियों के नामों की घोषणा की थी, तब 71 साल के नेतन्याहू के समर्थकों ने संबोधन में बाधा डालने की कोशिश की. विपक्ष के शोर मचाने के बाद भी बेनेट ने अपना संबोधन पूरा किया और कहा कि 'उन्हें गर्व है कि वो अलग-अलग विचार वाले लोगों के साथ काम करेंगे'.
जो बाइडन ने दी बधाई
बेनेट ने अपने संबोधन में कहा कि इस निर्णायक समय में उनकी पार्टी ये जिम्मेदारी उठा रही है. वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने बेनेट को बधाई दी और कहा कि वो उनके साथ काम करने के लिए उत्सुक हैं. साथ ही बाइडन ने कहा 'अमेरिका के लोगों की ओर से मैं प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और विदेश मंत्री याइर लापिड को बधाई देता हूं, दोनों देशों के संबंधों को और प्रगाढ़ करने पर हम काम करेंगे'.
विपक्ष ने बेनेट पर लगाया आरोप
जानकारी के मुताबिक लिकुड पार्टी के सदस्यों ने बेनेट के संबोधन के दौरान संसद में हंगामा किया और उनको ‘अपराधी’ और ‘झूठा’ बताया. जबकि अपने संबोधन में बेनेट ने ये भी कहा कि इजराइल कभी भी ईरान को परमाणु हथियार बनाने की क्षमता हासिल नहीं करने देगा.
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