इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने शनिवार को भारतीय उच्चायोग के प्रभारी को तलब किया और नगरोटा में जैश द्वारा आतंकी हमले की साजिश के आरोप को नकारा दिया है. पाक ने भारत के इस दावे को खारिज कर दिया कि पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद जम्मू कश्मीर में स्थानीय चुनावों से पहले वहां हमलों की साजिश रच रहा है.
इससे कुछ घंटे पहले ही भारत ने नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग के प्रभारी को तलब किया था और कहा था कि पाकिस्तान को उसके क्षेत्र से गतिविधियां चला रहे आतंकवादियों के समर्थन की अपनी नीति को छोड़ देना चाहिए.
आतंकी हमले की साजिश का आरोप नकारा
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में आरोप को खारिज कर दिया और उम्मीद जताई कि भारत किसी भी तरह का 'भ्रामक बयान देने से बचेगा'. इससे पहले दिल्ली में विदेश मंत्रालय ने नागरोटा की घटना का जिक्र करते हुए पाकिस्तान के वरिष्ठ राजनयिक से कहा कि हथियारों, गोला-बारूद और विस्फोटक सामग्री के जब्त हुए बड़े जखीरे से जम्मू कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में शांति और सुरक्षा को अस्थिर करने, खासतौर पर स्थानीय जिला विकास परिषद के चुनावों की कवायद को बाधित करने के लिए एक बड़े हमले की साजिश का संकेत मिलता है.
विदेश मंत्रालय ने कहा, "भारतीय सुरक्षाबलों ने 19 नवंबर को जम्मू कश्मीर के नगरोटा में एक बड़े आतंकी हमले की साजिश को नाकाम कर दिया. शुरुआती रिपोर्ट में संकेत मिलता है कि हमलावर पाकिस्तान के संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सदस्य हो सकते हैं. इस संगठन को संयुक्त राष्ट्र और कई देशों ने आतंकवादी संगठन घोषित किया है."
विदेश मंत्रालय ने कहा कि यह आतंकी समूह अतीत में भारत में अनेक हमलों में शामिल रहा है जिनमें फरवरी 2019 में हुआ पुलवामा हमला भी शामिल है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत ने अपनी इस मांग को दोहराया कि पाकिस्तान अपने नियंत्रण वाले क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी तरह से भारत के खिलाफ आतंकवाद के लिए नहीं होने देने की अपनी अंतरराष्ट्रीय वचनबद्धता और द्विपक्षीय प्रतिबद्धता का पालन करे.
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