बेलग्रेड: भारतीय संसद के एक लोकतांत्रिक मंच के तौर पर विकसित होने और अलग-अलग विषयों को सुनने के अलावा प्रतिक्रिया देने की बात कहते हुए उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने सर्बिया की संसद में सहभागी विकास के लिए लोकतंत्र के महत्व को उजागर करते हुए भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का जिक्र किया.
अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र दिवस के मौके पर नायडू ने सर्बिया की नेशनल एसेंबली के विशेष सत्र को संबोधित किया. इसमें उन्होंने दोनों देशों के नेताओं के साझा दृष्टिकोण को याद किया, जिसमें दोनों देशों के नेताओं ने गुट निरपेक्ष आंदोलन (एनएएम) को आरंभ करने में मुख्य भूमिका निभाई थी.
नायडू ने सर्बिया के सांसदों को संबोधित करते हुए कहा, "हमारे संबंध साझा वैश्विक नजरिए के गुट निरपेक्ष आंदोलन की एक मजबूत नींव पर शुरू हुए हैं और हमने साथ मिलकर तीसरी दुनिया के लिए एक बड़ा मंच बनाया है. वैश्वि भू-राजनीति में बदलाव ने हमें फिर से आपसी लाभ और दूसरों के साथ समृद्धि साझा करने के लिए मिलकर काम करने का मौका दिया है."
नेहरू के 1961 में गुट निरपेक्ष देशों के सम्मेलन में बेलग्रेड में दिए भाषण को याद करते हुए नायडू ने कहा, "उनका आह्वान आज भी हमारे अपने देश के समाज के निर्माण के लिए सही है और उतना ही प्रासंगिक है, जहां वास्तव में स्वतंत्रता है."
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