Nakba Film On Netflix: इजरायल में इन दिनों एक फिल्म को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. फिल्म का नाम है 'Farha', जो नकबा की घटनाओं से प्रेरित है. काफी लोगों के मन में यह सवाल आ रहा है कि आखिर यह नकबा क्या है और धमकियों के बावजूद इस फिल्म को नेटफ्लिक्स पर क्यों स्ट्रीम कर दिया गया. इन्हीं सब सवालों के जवाब आपको यहां मिलेंगे.
दरअसल, 1948 के नकबा के दौरान फिलिस्तीन की जातीय सफाई को दर्शाती जॉर्डन की एक फिल्म ने इजरायली राजनेताओं की धमकियों के बावजूद नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीमिंग शुरू कर दी है.
क्या है नकबा?
नकबा एक अरबी शब्द है, जिसका अर्थ है 'तबाही'. इसे फिलिस्तीनी तबाही के रूप में भी जाना जाता है. जब इजरायली फोर्स ने हमला किया तो लाखों फिलिस्तीनियों को अपने घरों से भागना पड़ा या उनको उनके घरों से जबरन निकाल दिया गया. इसको उन्होंने अल-नकबा या 'तबाही' कहा.
'फरहा' को जॉर्डन के फिल्म निर्माता डारिन जे सल्लम ने डायरेक्ट किया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस फिल्म में नकबा की घटनाओं को दिखाने की कोशिश की गई है. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे जियोनिस्ट सैन्य बलों ने अपने घरों और जमीन से कम से कम 7,50,000 फिलिस्तीनियों को निष्कासित कर दिया था और 78 प्रतिशत ऐतिहासिक फिलिस्तीन पर कब्जा कर लिया था.
इजरायल के मंत्रियों को पसंद नहीं आ रही फिल्म
फिल्म जिस मुद्दे को कवर कर रही है वो इजरायल के नेताओं की इच्छा के विरुद्ध है. हालांकि, नेटफ्लिक्स ने फिल्म की स्ट्रीमिंग को लेकर फैसला ले लिया है और गुरुवार से ही फिल्म नेटफ्लिक्स पर दिखाई जा रही है. नेटफ्लिक्स पर स्ट्रीम होने के बाद अब इजरायल के वित्त मंत्री और दक्षिणपंथी एविग्डोर लिबरमैन ने सुझाव दिया है कि जाफा में उन थिएटर से स्टेट फंडिंग को वापस ले लिया जाना चाहिए, जो फिल्म दिखाने की योजना बना रहे हैं.
जाफा, ऐतिहासिक फिलिस्तीन के सबसे बड़े शहरों में से एक था, जब तक कि इसके 1,20,000 निवासियों में से अधिकांश को नकबा के दौरान निष्कासित नहीं किया गया था. शहर का एक तिहाई हिस्सा आज भी फिलिस्तीनी बना हुआ है. अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, शिक्षाविदों और मानवाधिकार संगठनों ने बड़े पैमाने पर नकबा की घटनाओं और फिलिस्तीनियों के खिलाफ किए गए अत्याचारों का दस्तावेजीकरण किया है. वहीं संयुक्त राष्ट्र महासभा ने भी बुधवार को नकबा दिवस को आधिकारिक रूप से मान्यता देने के लिए एक प्रस्ताव को मंजूर कर लिया है.
इस सबके बावजूद, इजरायल के संस्कृति मंत्री, चिली ट्रॉपर ने कहा कि फरहा ने "झूठ और परिवाद" दिखाया है. इसी के साथ चिली ट्रॉपर ने कहा कि जाफा थिएटर, जो इस फिल्म को दिखाने की योजना बना रहा है, वह भी एक अपमान है. मंत्री ने कहा, "मैं थिएटर के प्रबंधन से फिल्म प्रदर्शित करने के अपने फैसले को बदलने के लिए कहता हूं."
फिल्म में क्या है?
नकबा की घटनाओं से प्रेरित फराह फिल्म एक 14 वर्षीय लड़की की कहानी बताती है. फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे इजरायली फोर्स उसके गांव पर हमला कर देती है और नागरिकों को मौत के घात उतार दिया जाता है. बता दें कि नकबा की घटनाओं का चित्रण इजरायल में अक्सर विवाद का कारण बनता है, जहां लगभग 20 प्रतिशत आबादी इजरायल के फिलिस्तीनी नागरिक हैं. फिल्म में यह भी दिखाया है कि कैसे इजरायल वेस्ट बैंक और पूर्वी यरुशलम पर भी कब्जा कर लेता है.
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