वॉशिंगटन/नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच फोन पर बातचीत की जानकारी सामने आई है. 2019 की पहली बातचीत में दोनों नेताओं ने एक-दूसरे को नए साल की बधाई दी. व्हाइट हाऊस द्वारा जारी बयान के मुताबिक इस दौरान मोदी और ट्रंप के बीच बातचीत में अफगानिस्तान पर सहयोग बढ़ाने पर भी चर्चा हुई. दोनों ने 2018 में भारत-अमेरिका के कूटनीतिक रिश्तों में हुई प्रगति पर भी संतुष्टी जताई.
वहीं, बातचीत के दौरान पिछले साल दोनों देशों के बीच शुरू हुई 2+2 वार्ता और भारत-अमेरिका-जापान के बीच शुरू हुई पहली त्रिपक्षीय जैसी पहलों को भी सराहा गया. रक्षा, एनर्जी और आतंक रोधी मामलों में भी दोनों देशों के बीच हो रहे विकास के अलावा क्षेत्रीय और वैश्विक मामलों में बढ़ते सहयोग सहयोग को भी सराहा गया. दोनों ने 2019 में भारत-अमेरिका रिश्तों को और मज़बूत बनाने पर भी सहमति जताई.
बीते दिनों राष्ट्रपति ट्रंप का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वो अफगानिस्तान में भारत के सहयोग का मज़ाक उड़ाते नज़र आए थे. खासतौर पर भारत द्वारा बनाई लाइब्रेरी जैसी परियोजनाओं पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा था कि उस देश में लाइब्रेरी का क्या काम. हालांकि, भारत ने इसका प्रतिकार करते हुए स्पष्ट किया था कि वो अफगानिस्तान के पुनर्निमाण में अफगान लोगों की ज़रूरत के आधार पर सहयोग कर रहा है.
इस मामले पर ट्रंप ने ये सवाल भी उठाया था कि अफगानिस्तान में तालिबान के ख़िलाफ़ भारत, रूस और पाकिस्तान जैसे देश क्यों नहीं लड़ते हैं. ऐसा नहीं होने की वजह से अमेरिका को अपने देश से 6000 किलोमीटर दूर जाकर दुनिया की पुलिस का काम करना पड़ता है. आपको बता दें कि आज़ादी के बाद से श्रीलंका इकलौता अपवाद रहा है जहां भारत ने इंडियन पीस कीपिंग फोर्स को भेजा था. इसके अलावा भारत ने कभी सीधे तौर पर किसी देश में हस्ताक्षेप नहीं किया है.
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