NASA: 15 अरब मील दूर, 1981 की तकनीक का इस्तेमाल कर 47 साल बाद 'जिंदा' हुआ नासा का वॉयजर-1
NASA Voyager 1 Comes Back to Life: नासा की ओर से वॉयजर-1 को वॉयजर-2 के बाद लॉन्च किया गया था, लेकिन स्पीड के कारण 15 दिसंबर, 1977 को यह वॉयजर 2 को पीछे छोड़ते हुए अंतरिक्ष में पहुंच गया.
NASA Voyager 1 Comes Back to Life Using 1981 Tech: नासा के 47 साल पुराने वॉयजर 1 अंतरिक्ष यान ने हाल ही में एक रेडियो ट्रांसमीटर की मदद से थोड़े समय के लिए रुकने के बाद पृथ्वी से संपर्क स्थापित किया है, जिसका इस्तेमाल 1981 से नहीं किया गया है. कैलिफोर्निया में जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी (JPL) के नासा इंजीनियरों ने 24 अक्टूबर को अंतरिक्ष यान से फिर से संपर्क स्थापित किया.
नासा का यह अंतरिक्ष यान 15 बिलियन मील से अधिक दूरी पर अंतरतारकीय अंतरिक्ष में है. इसने 16 अक्टूबर को अपने एक ट्रांसमीटर के बंद होने के कारण संचार में थोड़ी रुकावट का अनुभव किया. बताया जा रहा है कि यह शटडाउन संभवतः अंतरिक्ष यान की फॉल्ट प्रोटेक्शन सिस्टम की वजह से हुआ था, जो बिजली के बहुत अधिक उपयोग होने पर कुछ सिस्टम को बंद कर देता है.
16 अक्टूबर को भेजा गया एक आदेश
नासा के अनुसार, एक संदेश को पृथ्वी से वॉयजर 1 तक और इसके विपरीत एक तरफ से यात्रा करने में लगभग 23 घंटे लगते हैं. 16 अक्टूबर को, जब नासा के इंजीनियरों ने अंतरिक्ष यान को एक आदेश भेजा, तो वह 18 अक्टूबर तक इसकी प्रतिक्रिया का पता नहीं लगा सके. एक दिन बाद, वॉयजर 1 के साथ संचार पूरी तरह से बंद हो गया. जांच के बाद, अंतरिक्ष एजेंसी की टीम ने पाया कि वॉयजर 1 की फॉल्ट प्रोटेक्शन सिस्टम ने अंतरिक्ष यान को दूसरे, कम-शक्ति वाले ट्रांसमीटर पर स्विच कर दिया था.
वॉयजर-1 में हैं दो रेडियो ट्रांसमीटर
वॉयजर 1 में दो रेडियो ट्रांसमीटर हैं, लेकिन यह कई वर्षों से केवल एक का उपयोग कर रहा है जिसे 'एक्स-बैंड' कहा जाता है. हालांकि, दूसरा ट्रांसमीटर - 'एस-बैंड' - एक अलग फ्रीक्वेंसी का उपयोग करता है जिसे 1981 से उपयोग नहीं किया गया है. फिलहाल, नासा ने एक्स-बैंड ट्रांसमीटर पर वापस स्विच करने से बचने का विकल्प चुना है जब तक कि वे यह निर्धारित नहीं कर लेते कि फॉल्ट प्रोटेक्शन सिस्टम को किसने सक्रिय किया - जिसमें कई सप्ताह लग सकते हैं.
वैज्ञानिकों की टीम लगातार कर रही काम
वॉयजर मिशन एश्योरेंस मैनेजर ब्रूस वैगनर ने सीएनएन को बताया कि इंजीनियर सावधानी बरत रहे हैं क्योंकि वे यह निर्धारित करना चाहते हैं कि एक्स-बैंड चालू करने से कोई संभावित जोखिम तो नहीं है. इस बीच, इंजीनियरों ने 22 अक्टूबर को वॉयजर 1 को एक मैसेज भेजा कि यह जांचा जाए कि एस-बैंड ट्रांसमीटर काम कर रहा है या नहीं और 24 अक्टूबर को इसे लेकर कन्फर्मेशन मिला, लेकिन यह ऐसा समाधान नहीं है जिस पर टीम बहुत लंबे समय तक भरोसा करना चाहती हो."
1977 में वॉयजर 2 से आगे निकल गया था
बता दें कि वॉयजर-1 को वॉयजर-2 के बाद लॉन्च किया गया था, लेकिन स्पीड के कारण 15 दिसंबर, 1977 को इसने वॉयजर 2 को पीछे छोड़ दिया. यह अंतरिक्ष यान अंतरतारकीय अंतरिक्ष में जाने वाला पहला मानव निर्मित वस्तु है.
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