NASA का आर्टेमिस-1 चार नवंबर को किया जाएगा लॉन्च, पहली दो कोशिशों में नहीं मिली थी कामयाबी
NASA Artemis-1: इयान तूफान और खराब मौसम के चलते सुरक्षा नियमों के तहत नासा को 29 अगस्त और 3 सितंबर को प्रक्षेपण के अपने पहले दो प्रयासों को रोकना पड़ा था.
NASA Moon Roacket Artemis 1: नासा (NASA) अपने चंद्रमा मिशन (Moon Mission) के लिए बहप्रतिशित आर्टेमिस 1 (Artemis I) 14 नवंबर को लॉन्च करने के लिए तैयार है. नासा के अधिकारियों के मुताबिक, अब तक का सबसे बड़ा रॉकेट उड़ान भरने के लिए उसके अंतिम पड़ाव लॉन्च पैड की ओर चल पड़ा है. अंतरिक्ष एजेंसी आर्टेमिस 1 मिशन को धरातल पर उतारने की एक और कोशिश के लिए तैयार है. नासा ने अपने अनक्रूड टेस्ट मिशन के लिए 14 नवंबर को दिन तय किया है. सीएनन की रिपोर्ट के अनुसार, लॉन्च नासा की वेबसाइट पर लाइव स्ट्रीम होगा.
गौरतलब है कि इयान तूफान और खराब मौसम के चलते सुरक्षा नियमों के तहत नासा को 29 अगस्त और 3 सितंबर को प्रक्षेपण के अपने पहले दो प्रयासों को रोकना पड़ा था. अब नासा ने अपने सबसे बड़े और अगली पीढ़ी के रॉकेट को लॉन्च करने के तीसरे प्रयास के लिए 14 नवंबर का टारगेट तय किया है.
9 घंटे का सफर किया तय
स्पेस लॉन्च सिस्टम रॉकेट ने गुरुवार (3 नवंबर) देर शाम फ्लोरिडा में नासा के कैनेडी स्पेस सेंटर में अपने इनडोर शेल्टर से पैड 39बी तक 4 मील (6.4 किलोमीटर) की ट्रेकिंग की घंटों लंबी प्रक्रिया शुरू की. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, यह लगभग 9 घंटे बाद अपने गंतव्य पर पहुंचा.
फ्लोरिडा की ओर बढ़ रहा तूफान
नासा के अधिकारी के अनुसार, आर्टेमिस टीम फिर से एक तूफान की निगरानी कर रही है, जो फ्लोरिडा की ओर बढ़ सकता है. हालांकि, अधिकारियों ने रोलआउट के साथ आगे बढ़ने के लिए आश्वस्त महसूस किया है. केप कैनावेरल में अमेरिकी वायु सेना के लॉन्च मौसम अधिकारी ने कहा कि अज्ञात तूफान वीकेंड में प्यूर्टो रिको के पास विकसित हो सकता है और अगले हफ्ते की शुरुआत मे धीरे-धीरे उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा.
25 दिनों तक मिशन के जारी रहने की उम्मीद
यह 2025 तक अंतरिक्ष यात्रियों को चंद्रमा पर वापस लाने के लिए नासा का सबसे महत्वपूर्ण कदम है. अंतरिक्ष एजेंसी अपनी अंतिम मानव चंद्रमा लैंडिंग की 50वीं वर्षगांठ के करीब है. आर्टेमिस 1 मिशन से अन्य मिशनों का मार्ग प्रशस्त होने की उम्मीद है. चांद पर टेकऑफ के बाद, ओरियन कैप्सूल जिसे अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाने के लिए डिजाइन किया गया है. अंतरिक्ष में पहुंचते ही अलग हो जाएगा. इस मिशन के 25 दिनों तक चलने की उम्मीद है.
लॉन्च में देरी ने बढ़ाई लागत
नासा के इस रॉकेट सिस्टम को बनाने में एसएलएस, बोइंग कंपनी और लॉकही मार्टिन कॉर्प ने मिलकर काम किया. इसे बनाने में अरबों डॉलर खर्च हुए और अब लॉन्च में हुई देरी ने इसकी लागत को और बढ़ा दिया है. आर्टेमिस 1 नासा के अपोलो मानव अंतरिक्ष यान कार्यक्रम के बाद एक प्रमुख मिशन है. यह चंद्रमा के लिए एक मानवरहित परीक्षण उड़ान होगी और ओरियन कैप्सूल को उसकी सतह पर उतारेगा. अपोलो मिशन के बाद यह पहला चंद्र मिशन है.
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