नई दिल्ली: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा की दो महिला अंतरिक्ष यात्रियों, क्रिस्टीना कोच (Christina Koch) और जेसिका मेर (Jessica Meir) ने बिना किसी पुरुष अंतरिक्ष यात्री के साथ के स्पेसवॉक करके इतिहास रच दिया है. इन दोनों ने इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के बाहर सात घंटे 17 मिनट गुज़ारे, इस दौरान इन्होंने फेल हो चुके पावर कंट्रोल यूनिट को बदलने का काम किया.


नासा के मुताबिक क्रिस्टीना कोच इससे पहले भी चार बार स्पेसवॉक कर चुकी हैं, लेकिन जेसिका मेर के लिए ये पहला मौका था. जेसिका स्पेसवॉक करने वाली 15वीं महिला बन गई हैं.


आपको बता दें कि क्रिस्टीना एक एलेक्ट्रिकल इंजीनियर हैं, जबकि जेसिका के पास मरीन बायोलॉजी में डॉक्ट्रेट की डिग्री है. दोनों शुक्रवार को नासा का स्पेससूट पहनकर भारतीय समयनुसार शाम 5:08 बजे बाहर निकलीं. उन्होंने बाहर निकलकर बैटरी चार्ज डिस्चार्ज यूनिट बदला और फेल हो चुके पार्ट के साथ फिर से एयरलॉक में वापस चली गईं.





गौरतलब है कि नासा ने मार्च में एलान किया था कि क्रिस्टीना कोच अपनी साथी एन मैकलेन के साथ ऐसा स्पेसवॉक करेंगी, जिसमें कोई पुरुष नहीं होगा. लेकिन मैकलेन के लिए मीडियम साइज़ का सूट नहीं होने की वजह से उस वक्त स्पेसवॉक को कैंसिल करना पड़ा था.


इस महिला ने पहली बार किया था स्पेसवॉक
स्पेसवॉक करने वाली पहली महिला अंतरिक्ष यात्री रशिया की स्वेतलाना सावित्सकया (Svetlana Savitskaya) थीं. उन्होंने 25 जुलाई 1984 को यूएसएसआर Salyut 7 स्पेस स्टेशन के बाहर 3 घंटे 35 मिनट तक स्पेसवॉक किया था.


स्पेसवॉक करने वाले दुनिया के पहले अंतरिक्ष यात्री रशिया के सोवियत कोसमोनॉट अलेक्सी लियोनोव (Soviet cosmonaut Alexei) थे. लियोनोव का इसी महीने 85 साल की उम्र में निधन हो गया.