NASA Moon Rocket: नासा कल दूसरी बार मून रॉकेट को लॉन्च करने को तैयार, जानें क्या है इसका मकसद?
NASA New Moon Rocket: मून रॉकेट के प्रोग्राम मैनेजर जॉन हनीकट का कहना है कि इससे जुड़ी सभी संभावित तकनीकी कमियों को दूर करने के लिए काम किया जा रहा है.
NASA Moon Rocket Launch: नासा (NASA) कल यानि शनिवार को अपने शक्तिशाली मून रॉकेट (Moon Rocket) को लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है. बता दें कि फ्लोरिडा के कैनिडी स्पेस सेंटर (Kennedy Space Center) से कल दोपहर 2 बजकर 17 मिनट पर मून रॉकेट को लॉन्च करने की तैयारी है. हालांकि, इससे पहले भी मौसम और कुछ तकनीकी खराबी (Technical Fault) के कारण इसकी लॉन्चिंग को रोक दिया गया था. अभी तक मिली जानकारी के मुताबिक शनिवार को मौसम ठीक रहेगा. इसलिए इस बात की पूरी संभावना है कि कल के दिन नासा के मून रॉकेट की लॉन्चिंग सुरक्षित ढंग से हो पाएगी.
वहीं दूसरी तरफ मून रॉकेट के लॉन्चिंग के समय किसी प्रकार की कोई तकनीकी दिक्कत ना आने आए इस बात का भी पूरा ध्यान रखा जा रहा है. मून रॉकेट के प्रोग्राम मैनेजर जॉन हनीकट का कहना है कि इससे जुड़ी सभी संभावित तकनीकी कमियों को दूर करने के लिए काम किया जा रहा है, जिससे कि लॉन्चिंग के समय किसी प्रकार की कोई परेशानी उत्पन्न ना होने पाए.
फ्यूल टैंक में आई गड़बड़ी को किया गया दुरुस्त
नासा से जुड़े जेरेमी पार्सन्स ने कहा कि हमारी टीम एक बहुत ही जबरदस्त काम कर रही है. इसलिए हमने मून रॉकेट के काउनडाउन के के लिए शनिवार को स्थानीय समय के मुताबिक 2 बजकर 17 मिनट पर इसे लॉन्च करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि हमने कल रात ब्रीफिंग के बाद ओरियन को संचालित कर दिया है. इसके लिए सभी तकनीकी जांच पूरी कर ली गई है. वहीं, रॉकेट के फ्यूल टैंक में आई गड़बड़ी को भी दुरुस्त कर लिया गया है.
आखिरी समय पर रोका गया लॉन्च
बता दें कि पिछली बार 29 अगस्त को मून रॉकेट को लॉन्च करने की पूरी तैयारी कर ली गई थी, लेकिन इसे लॉन्चिंग से पहले ही इसके चार इंजन में गड़बड़ी आ गई थी, जिसके चलते इसका लॉन्च आखिरी समय पर रोक दिया गया था. उस समय नासा की ओर से बताया गया था कि इंजन के सैंसर को लेकर कुछ खराबी आ गई थी, जिसके चलते लॉन्च को रोकना पड़ा था.
क्या है मकसद?
आर्टेमिस आई एक महीने के लिए चंद्रमा के चारों ओर यात्रा के लिए बिना क्रू का एक रॉकेट भेजेगा. कार्यक्रम का उद्देश्य अंतरिक्ष अन्वेषण में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है. इसके इंजीनियरों में 30% महिलाएं हैं. इसके अलावा, आर्टेमिस आई मिशन महिलाओं के शरीर पर विकिरण के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए डिज़ाइन किए गए दो पुतलों को ले जाएगा, ताकि नासा यह सीख सके कि महिला अंतरिक्ष यात्रियों की बेहतर सुरक्षा कैसे की जाए.
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