NASA Telescopes Images: अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA ने अंतरिक्ष में 'क्वेश्चन मार्क' यानी प्रश्नवाचक चिन्ह (?) को खोज निकाला है. नासा के जेम्स वेब टेलिस्कोप से खींची गई एक तस्वीर जारी की गई है, जिसमें ब्रह्मांड के एक हिस्से में 'क्वेश्चन मार्क' दिखाई दे रहा है. कुछ लोगों ने इसे एलियंस का संदेश तक बता दिया है. वैज्ञानिकों को भी साफ तौर नहीं मालूम है कि आखिर स्पेस में खोजी गई ये चीज क्या है.
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, नासा की तरफ से जारी की गई तस्वीर दो युवा तारों की है, जिन्हें Herbig-Haro 46/47 के तौर पर जाना जाता है. आकाशगंगा में मौजूद इन तारों की पृथ्वी से दूरी 1470 प्रकाशवर्ष है. फिलहाल ये तारे तैयार हो रहे हैं और एकदूसरे का चक्कर लगा रहे हैं. 1950 के दशक से ही जमीनी टेलिस्कोप के जरिए इनकी स्टडी हो रही है. लेकिन अब जाकर जेम्स टेलिस्कोप ने सितारों की एचडी तस्वीर को खींचा है.
क्वेश्चन मार्क की नहीं हुई है स्टडी
हालांकि, जेम्स टेलिस्कोप ने Herbig-Haro 46/47 की जिस तस्वीर को भेजा है, उसके बैकग्राउंड में एक रहस्यमयी 'क्वेश्चन मार्क' (?) नजर आ रहा है. इस कॉस्मिक क्वेश्चन मार्क की न तो करीबी निगरानी हुई है न ही स्टडी. इस वजह से वैज्ञानिकों को भी नहीं मालूम है कि आखिर ये किस तरह से तैयार हुए हैं और इनका ऑरिजन क्या है. तस्वीर में दिख रहे नारंगी रंग के क्वेश्चन मार्क को कुछ लोगों ने एलियंस का मैसेज बता दिया है.
क्या हो सकता है ये क्वेश्चन मार्क?
वैज्ञानिकों ने भले ही अंतरिक्ष में मिले इस क्वेश्चन मार्क की स्टडी नहीं की है. मगर उसके साइज और लोकेशन को लेकर कुछ जानकारी साझा की है. इलिनोइस स्टेट यूनिवर्सिटी में फिजिक्स के असिस्टेंट प्रोफेसर मैट कैपलान का कहना है कि सबसे पहली बात जिसे आप नकार सकते हैं वह यह है कि ये चीज आकाशगंगा का एक तारा है. तारों में हमेशा इस तरह के स्पाइक देखने को नहीं मिलते हैं.
क्रिस्टोफर ब्रिट स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट में पब्लिक आउटरीच के ऑफिस में एजुकेशन और आउटरीच वैज्ञानिक हैं. उनका कहना है कि क्वेश्चन मार्क दो गैलेक्सी के मिलने से बना होगा. ये हमसे अरबों प्रकाशवर्ष दूर हो सकता है. कई सारी गैलेक्सी हमेशा तैयार होती हैं और उनके बीच टक्कर से ऐसी चीजें देखने को मिल जाती हैं. इस तरह ये तो साफ हो गया कि क्वेश्चन मार्क एलियंस का मैसेज तो नहीं है.
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