(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Nasa Moon Mission: नासा ने 52 साल बाद चंद्रमा के रहस्यमयी दक्षिणी ध्रुव पर भेजा चंद्रयान, स्पेसएक्स ने लॉन्च किया रॉकेट
Nasa Moon Mission Updates: स्पेसएक्स ने अपने रॉकेट लॉचर से फॉल्कन-9 रॉकेट को चंद्र मिशन के लिए लॉन्च किया है. नासा ने 52 साल बाद अपने चंद्रमा मिशन को दोबारा से शुरू किया है.
Nasa Chandra Mission: अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 52 साल बाद दोबारा से चंद्रमा अभियान शुरू किया है. अभियान के तहत 15 जनवरी को स्पेसएक्स ने चंद्र लैंडर ले जाने वाले फॉल्कन-9 रॉकेट को लॉन्च किया है. यह रॉकेट सफलतापूर्वक ओडिसियस लैंडर को पृत्वी की कक्षा में अलग कर दिया. रॉकेट के बोर्ड में नासा की तकनीक का प्रयोग किया गया है. एजेंसी को उम्मीद है कि 2026 में मानव मिशन के लिए यह अभियान मार्ग प्रशस्त करेगा.
निजी कंपनी ने बनाया है मून लैंडर
फॉल्कन-9 रॉकेट लॉन्च होने के लगभग 41 मिनट बाद इसके इंजन एक बार फिर स्टार्ट होंगे, जिससे चंद्र लैंडर ओडिसियस को चंद्रमा की ओर ले जाने के लिए गति बढ़ेगी. अपने रॉकेट से लैंडर को भेजने वाली संस्था SpaceX ने इससे जुड़ी जानकारी एक्स हैंडल पर साझा की है. नासा एक निजी कंपनी के मून लैंडर को चांद पर उतारने जा रही है. इस लैंडर को Intuitive Machines कंपनी ने बनाया है. लैंडर का नाम ओडिसियस लैंडर रखा गया है.
SpaceX के मुताबिक ओडिसियस लैंडर को IM-1 नाम दिया गया है. SpaceX रॉकेट की लॉन्चिंग 14 फरवरी को ही होने वाली थी, लेकिन तकनीकी समस्या आ जाने के कारण लॉचिंग नहीं हो सकी. आज 15 जनवरी को सफलता पूर्वक फॉल्कन-9 रॉकेट को लॉन्च किया गया. अभी तक सारे सिस्टम सही से काम कर रहे हैं. फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर लॉन्चिग होने की जानकारी दी गई है. अगर सबकुछ ठीक रहा तो 22 फरवरी 2024 को IM-1 लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंड कर जाएगा.
कितने दिन का है नासा का चंद्र अभियान
यह पूरा अभियान कुल 16 दिनों का है, लैंड करने के बाद चंद्रमा पर IM-1 लैंडर 7 दिनों तक सक्रिय रहेगा और नासा को जरूरी जानकारी साझा करेगा. नासा और IM कंपनी चाहते हैं कि इस लैंडर को चंद्रमा के दणिणी ध्रुव स्थित मालापर्ट क्रेटर के पास उतारा जाए. अगर सबकुछ ठीक रहा तो 9 दिन बाद IM-1 लैंडर चांद की सतह पर उतर जाएगा. यह अभियान कुल दो सप्ताह का है क्योंकि इसके बाद दक्षिणी ध्रुव पर अंधेरा छा जाएगा. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने इसके पहले साल 1972 में चंद्रमा पर पहुंचने के लिए अपोलो-17 नाम का मिशन लॉच किया था.