NASA Moon Mission: चंद्रमा की परिक्रमा लगाकर ओरियन अंतरिक्ष यान 26 दिन बाद पृथ्वी पर लौटा, जानें क्या है नासा का पूरा 'मिशन मून'
NASA Mission: आर्टेमिस 2 साल 2024 में भेजा जाएगा और उसमें इंसान भी होंगे. हालांकि, वे भी चंद्रमा का चक्कर लगाकर वापस आ जाएंगे. आर्टेमिस-3 में वैज्ञानिक सतह पर उतरेंगे.
NASA Orion Spacecraft: चंद्रमा की परिक्रमा करने के बाद ओरियन अंतरिक्ष यान 26 दिनों के बाद पृथ्वी पर लौट आया है. यह अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) की एक बड़ी उपलब्धि है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, ओरियन कैप्सूल (Orion Capsule) ने पृथ्वी के वायुमंडल में तेज आवाज के साथ प्रवेश किया और यह वापस आकर प्रशांत महासागर में गिरा. इसकी स्पीड को कम करने के लिए पैराशूट के विभिन्न सेटों का इस्तेमाल किया गया था.
यह प्रोजेक्ट नासा के लिए काफी अहम था. यही कारण है कि इसे नासा की भविष्य की स्पेस साइंस के लिहाज से एक बड़ी कामयाबी माना जा रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, अभी तो इसे सिर्फ ट्रायल के तौर पर ही भेजा गया था. इसमें किसी इंसान को नहीं भेजा गया था. अब नासा का प्लान है कि इसके जरिए इंसानों को चांद तक भेजा जाए.
16 नवंबर को किया गया लॉन्च
बता दें कि ओरियन को 16 नवंबर को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल में केनेडी स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था. खास बात यह रही कि आर्टेमिस-I की पृथ्वी पर वापसी 11 दिसंबर, 1972 को जीन सेर्नन और हैरिसन श्मिट की अपोलो 17 चंद्रमा लैंडिंग की 50वीं वर्षगांठ पर आई. वे कुल मिलाकर चंद्रमा पर चलने वाले 12 नासा अंतरिक्ष यात्रियों में से अंतिम थे.
Splashdown.
— NASA (@NASA) December 11, 2022
After traveling 1.4 million miles through space, orbiting the Moon, and collecting data that will prepare us to send astronauts on future #Artemis missions, the @NASA_Orion spacecraft is home. pic.twitter.com/ORxCtGa9v7
नासा का मून मिशन क्या है?
बता दें कि तकरीबन 50 साल बाद अमेरिका एक बार फिर से मिशन मून पर जुट गया है. नासा आर्टेमिस-1 की मदद से चांद पर इंसानों को भेजने की तैयारी कर रहा है. इस पूरे अभियान को 3 भागों में बांटा गया है आर्टेमिस-1, आर्टेमिस,-2 और आर्टेमिस-3. आर्टेमिस-1 की सफलता के बाद, 3 साल बाद चांद की धरती पर फिर से इंसानों के कदम पड़ेंगे.
2026 में चांद पर जाएंगे इंसान?
रिपोर्ट्स के मुताबिक, आर्टेमिस 2 साल 2024 में भेजा जाएगा और उसमें इंसानों को भेजा जाएगा. हालांकि, वे भी चंद्रमा का चक्कर लगाकर वापस आ जाएंगे. आर्टेमिस-3 में वैज्ञानिक सतह पर उतरेंगे. नासा ने इस मिशन के लिए समय सीमा 2025 और 2026 की रखी है, इसीलिए पहले के दोनों मिशनों का सफल होना सबसे ज्यादा जरूरी है.