NASA Parker Solar Probe Made History: नासा ने एक बार फिर इतिहास रच दिया है. इस बार उसने कुछ ऐसा किया है जो कल्पना से परे है. दरअसल, नासा के पार्कर सोलर प्रोब ने सूर्य के सबसे करीब पहुंचकर वो कारनामा हासिल कर लिया है, जो लगभग असंभव था. इससे पहले किसी भी अंतरिक्ष यान ने ऐसा नहीं किया था.


पार्कर सोलर प्रोब सूर्य से 3.8 मिलियन मील (6.1 मिलियन किलोमीटर) की दूरी पर, सूर्य के बाहरी वायुमंडल की भीषण गर्मी में उड़ रहा है. 430,000 मील प्रति घंटे की गति से यात्रा करने वाला और 982 डिग्री सेल्सियस तक के तापमान को झेलने वाला पार्कर सोलर प्रोब सूर्य को "स्पर्श" करने के मिशन पर है. नासा ने बताया कि इसका उद्देश्य सूरज की तपिश के कारणों के साथ-साथ तारों को बेहतर ढंग से समझने में मदद करना है.


अभी तक इतने करीब से नहीं गुजरी कोई भी मानव निर्मित वस्तु


मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों की मानें तो कोई भी मानव निर्मित वस्तु कभी भी किसी तारे या सूरज के इतने करीब से नहीं गुजरी है, इसलिए पार्कर वास्तव में अज्ञात क्षेत्र से डेटा भेजेगा. जॉन्स हॉपकिन्स एप्लाइड फिजिक्स लेबोरेटरी में मिशन संचालन प्रबंधक निक पिंकिन ने नासा के ब्लॉग में इस मिशन के बारे में विस्तार से बताया.


नासा के अधिकारी निकी फॉक्स ने मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा, "अभी, पार्कर सोलर प्रोब किसी भी तारे के इतने करीब से उड़ रहा है, जितना पहले कभी नहीं गया. यह हमेशा याद रखने वाला पल है."


आगे क्या करेगा पार्कर सोलर प्रोब?


पार्कर सोलर प्रोब की हीट शील्ड इसके आंतरिक उपकरणों को कमरे के तापमान (85°F/29°C) के करीब रखती है, क्योंकि यह सौर कोरोना (Stellar corona) की खोज कर रहा है. यह प्रोब 430,000 मील प्रति घंटे (690,000 किलोमीटर प्रति घंटे) की गति से यात्रा करेगा, जो वॉशिंगटन डीसी से टोक्यो तक एक मिनट से भी कम समय में पहुंचने के लिए पर्याप्त है.


जॉन्स हॉपकिन्स एपीएल में मिशन देखने वाले निक पिंकिन का कहना है कि पार्कर अज्ञात क्षेत्र से डेटा वापस लाएगा.  इसके अलावा यह वैज्ञानिकों को सूर्य के प्रमुख रहस्यों को समझने में मदद कर रहा है, जैसे कि सौर हवा की उत्पत्ति, कोरोना की गर्मी और कोरोनल मास इजेक्शन का गठन. उन्होंने बताया कि इसने धूमकेतुओं को देखा है, मनमोहक तस्वीरें खींची हैं और शुक्र के बारे में भी जानकारी दी है. इसके अलावा इसके हीट शील्ड को लगभग 1,093 डिग्री सेल्सियस के तापमान का सामना करना पड़ रहा है.


2018 में इसे किया गया था लॉन्च


वैज्ञानिको ने बताया कि 24 दिसंबर को सुबह करीब 6:30 बजे की गई फ्लाईबाई तीन नज़दीकी पासों में से पहली है, अगले दो फ्लाईबाई इसे सूर्य के और करीब ले जाएगा. दूसरा फ्लाईबाई 22 मार्च 2025 और तीसरा फ्लाईबाई 19 जून 2025 को होगा. इसे 2018 में लॉन्च किया गया था. लॉन्च के बाद से यह अंतरिक्ष यान धीरे-धीरे सूर्य के करीब जा रहा है. वैज्ञानिकों ने बताया कि आसान शब्दों में कहें तो सूर्य से हम 15 करोड़ किलोमीटर दूर हैं और अब यह अंतरिक्ष यान सूर्य से सिर्फ 62 लाख किलोमीटर दूर है. सुनने में 62 लाख किमी काफी दूर लग रहा हो, लेकिन यदि आप सूर्य और पृथ्वी को एक मीटर की दूरी पर रखकर आधार मानेंगे तो पार्कर सोलर प्रोब सूर्य से चार सेंटीमीटर की दूरी पर है. इसलिए वैज्ञानिक इसे सूर्य के काफी करीब बता रहे हैं.


ये भी पढ़ें


Sandhya Theatre Tragedy: 'सुरक्षाकर्मियों के धक्के से मची भगदड़ और गिरीं रेवती', संध्या थिएटर हादसे में प्रत्यक्षदर्शी ने किया चौंकाने वाला खुलासा