मंगल ग्रह (mars) पर जीवन की खोज में जुटे वैज्ञानिकों के हाथ बड़ी सफलता लगी है. मंगल ग्रह के लिए भेजे गए नासा के Perseverance रोवर ने यहां की जो तस्वीरें भेजी हैं उसके आधार पर नासा के वैज्ञानिकों ने अपनी स्टडी तैयार की है. इन तस्वीरों से यहां अरबों साल पहले पानी की मौजूदगी का पता चलता है. इस स्टडी के मुताबिक, तस्वीरों में पता चलता है कि कैसे अरबों साल पहले यहां मौजूद पानी ने मंगल ग्रह को आकार देने का काम किया था. साथ ही नासा के वैज्ञानिकों ने दावा किया कि ये नई खोज हमें मंगल ग्रह में कभी जीवन था या नहीं इसका पता लगाने में बेहद मददगार साबित होगी. 


नासा ने गुरुवार को अपनी स्टडी के बारे में बताते हुए ये जानकारी दी. नासा के Perseverance रोवर ने 18 फरवरी 2021 में जेरेरो क्रेटर (Jezero Crater) पर लैंड किया था. वैज्ञानिकों का मानना था कि यहां बहुत समय पहले एक नदी हुआ करती थी. मंगल ग्रह से सामने आई तस्वीरों में भी एक सूखी झील के निशान दिखाई देते हैं. 


वौज्ञानिकों को तस्वीरों में दिखे झील के निशान 


नासा ने बताया कि Perseverance रोवर ने ऐसी तस्वीरें भेजी हैं, जिससे पता चलता है कि 3.7 अरब साल पहले मंगल के निर्माण में पानी की अहम भूमिका रही होगी. यह तस्वीरें मंगल के उस क्षेत्र की हैं, जहां पानी की संभावना सबसे ज्यादा है. वैज्ञानिकों का ये भी मानना है कि यहां अक्सर बाढ़ भी आती होगी यहीं वजह है कि झील के आसपास मौजूद बड़ी-बड़ी विशालकाय चट्‌टानें इसमें समा गई होंगी. जो अब यहां नजर आ रहे हैं और इनसे कई अहम जानकारियां हासिल हो सकती हैं.


वैज्ञानिकों के मुताबिक इन जगहों से मिट्टी और चट्टानों के नमूने धरती पर लाने में अगर कामयाबी मिल जाती है, तो इसके ज़रिए हम यहां कभी जीवन था या नहीं इसका पता लगा सकते हैं. नासा के वैज्ञानिक विलियम्स के मुताबिक, "मंगल ग्रह की इन तस्वीरों से हम ये अंदाजा लगा सकते हैं कि डेल्टा बनाने वाला पानी होना चाहिए." बता दें कि मंगल पर जीवन का पता लगाने के लिए नासा कई मिशनों पर काम कर रहा है और अभी तक अरबों रुपए खर्च किए जा सके हैं.


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