(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
बिंदिया चमकेगी: NASA के रोवर को मंगल पर उतारने में अहम भूमिका निभाने वाली स्वाति मोहन की बिंदी सोशल मीडिया पर छाई
स्वाति ही वह वैज्ञानिक हैं जिन्होंने ‘मार्स 2020’ मिशन के दिशा-निर्देशन और नियंत्रण अभियान (जीएन ऐंड सी) का नेतृत्व किया. उन्होंने रोवर को उतारने में उड़ान नियंत्रक (फ्लाइट कंट्रोलर) की भूमिका निभाई.
वाशिंगटन: नासा का रोवर ‘पर्सवियरन्स’ शुक्रवार को जैसे ही मंगल की सतह पर उतरा, अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के नियंत्रण कक्ष में ‘‘टचडाउन कंर्फम्ड’’ (सफलतापूर्वक उतर गया) की आवाज गूंज उठी. यह घोषणा भारतीय मूल की अमेरिकी वैज्ञानिक स्वाति मोहन ने की, जिन्होंने रोवर को ‘लाल ग्रह’ पर उतारने में एक अहम भूमिका निभाई है. स्वाति मोहन की सोशल मीडिया पर छाई है खासतौर से लोग उनकी बिंदी की चर्चा कर रहे हैं.
स्वाति ही वह वैज्ञानिक हैं जिन्होंने ‘मार्स 2020’ मिशन के दिशा-निर्देशन और नियंत्रण अभियान (जीएन ऐंड सी) का नेतृत्व किया. उन्होंने रोवर को उतारने में उड़ान नियंत्रक (फ्लाइट कंट्रोलर) की भूमिका निभाई.
स्वाति ने ही लाल ग्रह के वायुमंडल को पार करते हुए मंगल की सतह पर रोवर के सफलतापूर्वक उतरने की सबसे पहले घोषणा की. ‘पर्सवियरन्स’ जैसे ही लाल ग्रह की सतह पर उतरा, स्वाति ने घोषणा की, ‘‘सफलतापूर्वक उतर गया.’’ इसके साथ ही वहां जश्न का माहौल देखने को मिला.
स्वाति एक साल की उम्र में भारत से अमेरिका पहुंचीं थीं. नासा की वेबसाइट पर उनसे संबद्ध पेज पर उन्हें उद्धृत करते हुए कहा गया है कि मौजूदा अभियान में उनकी टीम की भूमिका का उल्लेख किया गया है. स्वाति ने इस बारे में कहा, ‘‘मंगल की सतह पर उतरने के दौरान सात मिनट का समय बहुत ही जोखिम भरा था. ’’ स्वाति ने कहा, ‘‘टीम के अभियान की कमान संभालने के नाते, मैं जीएन ऐंड सी उप प्रणाली और शेष परियोजना के बीच संवाद की कड़ी थी.’’
नॉर्दर्न वर्जीनिया और वाशिंगटन डीसी में पली बढ़ीं स्वाति ने यांत्रिक और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी में कॉर्नेल विश्वविद्यालय से स्नातक और फिर मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से वैमानिकी एवं अंतरिक्षयानिकी में एमएस तथा पीएचडी की थी.
स्वाति ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में उनकी रुचि तब पैदा हुई जब उन्होंने नौ साल की उम्र में टीवी शो ‘स्टार ट्रेक’ देखा था. नासा के मंगल मिशन में स्वाति के योगदान की आज दुनियाभर में प्रशंसा हो रही है. हालांकि सोशल मीडिया पर उनकी बिंदी की बहुत चर्चा हो रही हैं जो कि नासा की तस्वीरों में उनके माथे पर दिख रही हैं. लोगों ने उनकी बिंदी की तारीफ में कई ट्वीट किए हैं.
Big love for Swati Mohan, rocking that bindi in the control room ❤️ pic.twitter.com/cmNdBpWFKB
— Sumen Desktronaut Rai (@sumenrai79) February 18, 2021
#Perseverance has landed on #Mars!
Does anyone know the name of the bindi-wearing woman who did the running commentary during the landing?https://t.co/DTQ1rrz1j8 pic.twitter.com/ya3AlTMk4t — Tarek Fatah (@TarekFatah) February 18, 2021
Congrats to #MARS2020 team, led by #SwatiMohan, 4 making sure spacecraft carrying #PerseveranceRover was oriented in rt direction. She provided commentary from mission control at it’s entry, descent at 12,000 mph & slowing it 4 soft landing. Beauty with brain, bindi & braids ! pic.twitter.com/c01aV2mgsA
— Seema Hakhu Kachru (@Seemahkachru) February 19, 2021
EDL family voted and I drew the straw for dyeing my hair per their request for landing day. 7 hours to entry. Landing approximately at 12:55pm. At JPL and ready to go! pic.twitter.com/96n3U3NQEs
— Swati Mohan (@DrSwatiMohan) February 18, 2021
नासा का छह पहिए वाला रोवर मंगल ग्रह से ऐसी चट्टानें लेकर आएगा, जिनसे इन सवालों का जवाब मिल सकता है कि क्या कभी लाल ग्रह पर जीवन था.
वैज्ञानिकों का मानना है कि अगर कभी मंगल ग्रह पर जीवन रहा भी था तो वह तीन से चार अरब साल पहले रहा होगा, जब ग्रह पर जल मौजूद था.
वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि रोवर से दर्शनशास्त्र, धर्मशास्त्र और अंतरिक्ष विज्ञान से जुड़े एक मुख्य सवाल का जवाब मिल सकता है. ‘पर्सवियरन्स’ नासा द्वारा भेजा गया अब तक का सबसे बड़ा रोवर है. 1970 के दशक के बाद से अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी का यह नौवां मंगल अभियान है.
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