Asteroid Bennu: उल्कापिंड बेन्नू से लाए गए सैंपल के प्रारंभिक विश्लेषण के बाद हमारे सौरमंडल को लेकर वैज्ञानिकों को बड़ी जानकारी हासिल हुई है. वैज्ञानिकों को पता चला है कि एक समय इस उल्कापिंड पर पानी भरा था. ऐसे में वैज्ञानिकों का मानना है कि यह उल्कापिंड किसी समुद्री ग्रह से अलग हुआ होगा. दरअसल, नासा ने OSIRIS-REx मिशन के तहत साल 2020 में एस्टेरॉयड बेन्नू से 121.6 ग्राम का सैंपल लिया था. यह सैंपल पिछले साल सितंबर में पृथ्वी पर पहुंचा, जिसके बाद से वैज्ञानिक इसपर शोध कर रहे हैं. 


मौसम विज्ञान और ग्रह विज्ञान पत्रिका में प्रकाशित शोध से पता चला है कि एस्टेरॉयड बेन्नू पृथ्वी के करीब है. इसका सैंपल धरती पर आने के बाद वैज्ञानिक इसकी चट्टाओं और धूल का विश्लेषण कर रहे हैं. वैज्ञानिक यह जानने का प्रयास कर रहे हैं कि उल्कापिंड के सैंपल में कौन-कौन से तत्व हैं क्या इसपर जीवन के तत्व मौजूद है ? उल्कापिंड हमेशा से वैज्ञानिकों को अपनी ओर आकर्षित करते रहे हैं, क्योंकि ये सौरमंडल के निर्माण के समय से मौजूद हैं. 


उल्कापिंड पर पाया गया कार्बन और नाइट्रोजन
बेन्नू उल्कापिंड के सैंपल में बड़ी मात्रा में कार्बन पाया गया है. वैज्ञानिकों के विश्लेषण के दौरान टीम ने पाया कि बेन्नू की धूल में कार्बन, नाइट्रोजन और कार्बनिक यौगिक जैसे तत्व मौजूद हैं. ये तत्व सौरमंडल के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. वैज्ञानिकों का मानना है कि ये तत्व जीवन के लिए भी महत्वपूर्ण हैं. वैज्ञानिक अब यह पता लगाने में जुटे हैं कि आखिर पृथ्वी जैसे ग्रहों का निर्माण कैसे हुआ?


बेन्नू पर मिला पानी का तत्व
मौसम विज्ञान और ग्रह विज्ञान पत्रिका में बुधवार को प्रकाशित शोध में विस्तार से जानकारी दी गई है. नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर में वैज्ञानिक और शोध के सह लेखक जेसन ड्वॉर्किन ने कहा, 'OSIRIS-REx प्रोजेक्ट से हमें जो उम्मीद थी, वही हासिल हुआ है. उन्होंने कहा कि बेन्नू के सैंपल में मैग्नीशियम-सोडियम फॉस्फेट का पाया जाना सबसे बड़ा आश्चर्य था. इसके बारे में रिमोट सेंसिंग ने तब जानकारी दी थी जब OSIRIS-REx बेन्नू उल्कापिंड की परिक्रमा कर रहा था.


कहां से आया बेन्नू उल्कापिंड
वैज्ञानिकों ने बताया कि मैग्नीशियम-सोडियम फॉस्फेट एक यौगिक है, जो पानी में घुलनशील है. यह तत्व जीवन के लिए जैव रसायन के एक घटक के रूप में कार्य करता है. शोधकर्ताओं को उम्मीद है कि यह बेन्नू उल्कापिंड किसी छोटे महासागर वाली दुनिया से टूटा होगा. वह महासागर वाली दुनिया अब हमारे सौर मंडल में मौजूद नहीं है.


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