वाशिंगटन: लॉन्च के मात्र 161 दिनों बाद अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के अंतरिक्ष यान पार्कर सोलर प्रोब ने सूर्य के कक्ष में अपनी यात्रा का पहला चक्कर पूरा कर लिया है और अब यह प्रस्तावित 24 कक्षाओं की अपनी यात्रा का दूसरा चक्कर लगाना शुरू करेगा. इसी दौरान यह सूर्य के सबसे नजदीक पहुंचेगा.
नासा ने कहा है कि 12 अगस्त को प्रक्षेपित उसका कार के आकार का अंतरिक्ष यान इस दौरान सूर्य से 38 लाख मील दूर तक की यात्रा तय करेगा और चार अप्रैल, 2019 को सूर्य के सबसे निकट पहुंच जाएगा. अपने अभियान के दौरान अंतरिक्ष यान सूर्य के कुल 24 चक्कर लगाएगा.
जॉन होपकिंस यूनिवर्सिटी के अप्लाइड फिजिक्स लैबोरेटरी के परियोजना प्रबंधक एंड्री ड्राइसमैन ने कहा, "अंतरिक्ष यान की पहली कक्षा की यात्रा शानदार रही. इस दौरान हमने अंतरिक्ष यान की कार्यप्रणाली और परिचालन के बारे में बहुत कुछ सीखा. हमें मालूम चला कि यह सौर पर्यावरण में किस तरह व्यवहार करता है. मुझे यह कहते हुए गर्व महसूस हो रहा है कि इस बारे में टीम का आकलन एकदम सटीक था."
अंतरिक्ष यान ने एक जनवरी से पूरी तरह से काम करना शुरू कर दिया और इसकी सभी प्रणालियां ऑनलाइन हो गईं और तय डिजाइन के अनुसार काम करने लगीं. अंतरिक्ष यान अपने उपकरणों से गहन अंतरिक्ष नेटवर्क के माध्यम से धरती पर आकड़े भेज रहा है और अभी तक विज्ञान से जुड़े 17 गीगाबाइट के आकड़े डाउनलोड किए जा चुके हैं. पूरे आकड़े अप्रैल तक डाउनलोड कर लिए जाएंगे.
अंतरिक्ष यान अपने दूसरे चक्कर के दौरान अप्रैल में सूर्य से 15 लाख मील की दूरी पर पहुंच जाएगा, जो वर्ष 1976 में अंतरिक्ष यान हेलिओस-2 के सूर्य से 27 लाख मील की दूरी से लगभग आधी दूरी होगी.
अंतरिक्ष यान के चार उपकरणों से वैज्ञानिकों को सूर्य से जुड़े कुछ मूलभूत भौतिक प्रश्नों के जवाब जानने में मदद मिलेगी. अंतरिक्ष में सौर पदार्थ और कण इतनी अधिक तेजी से कैसे बढ़े और फैले? सूर्य का वातावरण 'कोरोना' उसकी सतह से इतना अधिक गर्म क्यों है? वैज्ञानिकों को इन सवालों के जवाब मिल सकेंगे.
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