NASA Research: नासा के एक उपग्रह ने पृथ्वी के आयनमंडल में रहस्यमय संरचानाएं देखी है, जो अंग्रेजी के अक्षर 'सी' और 'एक्स' की तरह नजर आ रही हैं. इन संरचनाओं के बारे में नासा के वैज्ञानिकों को अभी तक कोई ठोस जानकारी नहीं लगी है, फिर वैज्ञानिक इसके बारे में पता लगाने में जुट गए हैं. वैज्ञानिकों का कहना है कि आयनमंडल पृथ्वी के वायुमंडल का एक विद्युतीकृत क्षेत्र है. दिन के समय इसका घनत्व बढ़ जाता है, क्योंकि इसके अणु विद्युत रूप से आवेशित हो जाते हैं. सूर्य का प्रकाश इलेक्ट्रॉनों को परमाणुओं और अणुओं से अलग कर देता है, जिससे प्लाज्मा बनता है जो रेडियो संकेतों को लंबी दूरी तक यात्रा करने में सक्षम बनाता है. इसी आयनमंडल का नासा का GOLD मिशन निगरानी कर रहा है. 


नासा का ग्लोबल-स्केल ऑब्जर्वेशन ऑफ द लिम्ब एंड डिस्क (GOLD) मिशन एक भूस्थिर उपग्रह है.  नासा ने इसे अक्टूबर 2018 में लॉन्च किया था, तभी से यह पृथ्वी के आयनमंडल में घनत्व और तापमान को माप रहा है. पश्चिमी गोलार्ध के ऊपर स्थित अपनी भूस्थिर कक्षा से GOLD हाल ही में आयनमंडल में कणों के दो घने शिखरों का अध्ययन कर रहा था. इस दौरान पता चला है कि इन शिखरों के भीतर कम घनत्व वाले बुलबुले दिखाई देते हैं जो रेडियो और GPS के संचालन में बाधा डाल सकते हैं. वैज्ञानिकों का कहन है कि सिर्फ धूप के उतार-चढ़ाव से यह नहीं हो रहा है, जो आयनमंडल को प्रभावित करता है. वैज्ञानिकों का मानना है कि वायुमंडलीय परत पर सौर तूफानों और विशाल ज्वालामुखी विस्फोटों का बड़ा असर होता है. ऐसे में आयनमंडल के शिखर एक साथ जुड़कर 'एक्स' का आकार ले सकते हैं. 


वैज्ञानिकों ने  'एक्स' और 'सी' आकार पर क्या कहा?
नासा के वैज्ञानिकों का कहना है कि हाल ही में GOLD मिशन के तहत जिन 'एक्स' और 'सी' आकार का पता चला है, इसके लिए सौर विकरण या ज्वालामुखी जिम्मेदार नहीं है. लाइव साइंस ने इस संरचना को लेकर एक लंबा लेख प्रकाशित किया है. लाइव साइंस ने कोलोराडो विश्वविद्यालय के वायुमंडलीय और अंतरिक्ष भौतिकी प्रयोगशाला (LASP) के शोध वैज्ञानिक फजलुल लस्कर के एक बयान का हवाला दिया है. उन्होंने बताया कि 'एक्स संचरना निर्माण केवल भू-चुंबकीय रूप से कमजोर स्थितियों के दौरान ही थीं.' दरअसल, फजलुल लस्कर अप्रैल में प्रकाशित जर्नल ऑफ जियोफिजिकल रिसर्च स्पेस फिजिक्स में प्रकाशित एक पेपर के मुख्य लेखक हैं, इसमें इन अप्रत्याशित टिप्पणियों को विस्तार से बताया गया है. 


आयनमंडल पर नासा जुटा रहा अधिक जानकारी
उन्होंने कहा कि शांत स्थितियों के बीच इस तरह से आकृति का बनना और आयनमंडल में बुलबुलों का होना एक अप्रत्याशित घटना है. दरअसल, नासा लंबे समय से आयनमंडल के बारे में अधिक जानकारी के लिए शोध कर रहा है. हाल ही में नासा के वायुमंडलीय गड़बड़ी (APEP) नाम की एक परियोजना ने जांच की कि सूर्य के प्रकाश और तापमान में गिरावट पृथ्वी के ऊपरी वायुमंडल को कैसे प्रभावित करती है. हाल में लगे सूर्य और चंद्र ग्रहण पर भी नासा ने अधिक जानने की कोशिश की है.


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