NASA Moon Mission: अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा (NASA) अपने आर्टेमिस-1 मिशन (Artemis- Mission) के लॉन्चिंग की एक बार फिर तैयारी कर रहा है. इससे पहले दो बार फ्यूल लीकेज (Fuel Leakage) की वजह से इसकी लॉन्चिंग को रद्द कर दिया गया था. अब नासा तीसरी बार आर्टेमिस-1 मिशन के लॉन्चिंग (Launching) की तैयारी कर रहा है. नासा के लिए ये मिशन जरूरी बन गया है क्योंकि आर्टेमिस मिशन के जरिए इंसान 50 साल बाद चंद्रमा (Moon) पर वापसी करने जा रहा है.
दुनिया का सबसे ताकतवर और बड़ा रॉकेट फ्लोरिडा के केनेडी स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 39बी पर तैनात किया गया था. इसकी लॉन्चिंग का समय भारतीय समयानुसार 3 सितंबर 2022 की रात 11 बजकर 47 मिनट से लेकर अगले दो घंटे तक रखा गया था. इसके बाद रॉकेट के कोर स्टेज से हो रहे लिक्विड हाइड्रोजन रिसाव की वजह से इसकी लॉन्चिंग को रोक दिया गया था लेकिन नासा अब एक बार फिर से इस रॉकेट को लॉन्च करने की तैयारी में है.
नासा के लिए क्यों जरूरी है ये मिशन?
इस मिशन के जरिए नासा चंद्रमा के चारों ओर यात्रा के लिए बिना क्रू का एक रॉकेट भेजने की कोशिश में लगा हुआ है. इसका उद्देश्य चंद्रमा पर मानव बस्तियां बसाने के अलावा अंतरिक्ष अन्वेषण में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना है. आर्टेमिस मिशन-1 के इंजीनियरों में 30 प्रतिशत महिलाएं हैं. इसके अलावा, आर्टेमिस-1 मिशन महिलाओं के शरीर पर विकिरण के प्रभावों का अध्ययन करने के लिए डिजायन किए गए दो पुतलों को ले जाएगा. इसके पीछे नासा ये जानने की कोशिश करेगा कि महिला अंतरिक्ष यात्रियों की बेहतर सुरक्षा कैसे की जाए.
आर्टेमिस मिशन की लागत
नासा (NASA) ऑफिस ऑफ द इंस्पेक्टर जनरल के एक ऑडिट के मुताबिक, साल 2012 से 2025 तक इस प्रोजेक्ट (Artemis-1 Mission) पर 93 बिलियन डॉलर यानी कि 7 हजार 434 अरब रुपये का खर्चा आएगा. वहीं, हर रॉकेट (Rocket) 4.1 बिलियन डॉल यानी कि 327 अरब रुपये की पड़ेगी. इस प्रोजेक्ट (Project) पर अब तक 37 बिलियन डॉलर यानी कि 2 हजार 949 अरब रुपये खर्च किए जा चुके हैं.
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