Russia Ukraine War: NATO चीफ ने कहा- परमाणु और रासायनिक खतरों से बचने के लिए यूक्रेन की मदद करने को तैयार
नाटो नेताओं की गुरुवार को एक अहम बैठक होने वाली है. इस बैठक में कुछ अहम फैसले लिए जा सकते हैं. बैठक में यूक्रेन पर रूसी हमले और इस मुद्दे पर चीन की भूमिका पर भी चर्चा होगी.
नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी ऑर्गेनाइजेशन (नाटो) के प्रमुख जेंस स्टोलटेनबर्ग ने बुधवार को चीन पर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि चीन खुले तौर पर झूठ बोलकर रूस को राजनीतिक समर्थन दे रहा है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नाटो सहयोगी परमाणु, रासायनिक खतरों से बचाव के लिए यूक्रेन को 'अतिरिक्त समर्थन' देने पर सहमत होने के लिए तैयार है. उन्होंने यह भी कहा कि नाटो पूर्वी सदस्यों के लिए चार नए 'युद्ध समूह' तैनात करेगा.
बता दें नाटो नेताओं की गुरुवार को एक अहम बैठक बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स में होने वाली है. बैठक में यूक्रेन पर रूसी हमले और इस मुद्दे पर चीन की भूमिका पर भी चर्चा होगी. इस महत्वपूर्ण नाटो शिखर सम्मेलन से पहले महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने उन निर्णयों पर बात की जो उन्हें उम्मीद है कि बैठक में लिए जाएंगे.
बैठक में लिए जा सकत हैं ये निर्णय
गुरुवार को जो निर्णय लिए जा सकते हैं उनमें- बुल्गारिया, हंगरी, रोमानिया और स्लोवाकिया में चार नए नाटो युद्ध समूह घोषित करना, सभी डोमेन (भूमि, समुद्र, वायु, अंतरिक्ष और साइबर स्पेस) में नाटो की स्थिति को मजबूत करना, यूक्रेन को अतिरिक्त सहायता प्रदान करना और अन्य भागीदारों के लिए समर्थन बढ़ाना शामिल है.
नाटो प्रमुख ने कहा, "कल हम जो निर्णय लेंगे, उनके दूरगामी प्रभाव होंगे." उन्होंने दोहराया कि यूरो-अटलांटिक सुरक्षा को सुदृढ़ करने के लिए, नाटो सहयोगियों को रक्षा में और अधिक निवेश करने के अपने प्रयासों को दोगुना करने की आवश्यकता होगी.
‘अपने तीन लक्ष्यों को हासिल करने में नाकाम रहा रूस’
इससे पहले अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने कहा कि यूक्रेन पर भीषण एवं क्रूर आक्रमण के जरिए रूस अपने तीन प्रमुख लक्ष्यों को हासिल करने में स्पष्ट रूप से विफल रहा है. रूस द्वारा यूक्रेन के दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने के तीन दिन बाद 24 फरवरी को रूसी सेना ने यूक्रेन के खिलाफ एक विशेष सैन्य अभियान की शुरुआत की थी.
सुलिवन ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन के खिलाफ अकारण हमला शुरू कर रूस अपने तीन बुनियादी लक्ष्यों को पूरा करना चाहता है. इनमें से सबसे पहला लक्ष्य यूक्रेन को अपने अधीन करना है. दूसरा, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस की ताकत एवं प्रतिष्ठा को बढ़ाना है, जबकि तीसरा लक्ष्य पश्चिमी देशों को विभाजित कर उन्हें कमजोर करना है.
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार ने कहा, “ रूस अब तक इन तीनों लक्ष्यों को पूरा करने में स्पष्ट रूप से विफल रहा है. वास्तव में रूस ने अब तक इन लक्ष्यों के विपरीत परिणाम ही हासिल किए हैं."
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