Russia News: आर्कटिक सर्किल से रूसी पनडुब्बी गायब, NATO ने जारी किया एलर्ट, रूस कर सकता है महाविनाशक 'पोसायडन' परमाणु टेस्ट
Russian Belgorod Submarine: रूसी की सबसे शक्तिशाली परमाणु पनडुब्बी बेलगोरोड अचानक नाटो के रडार से दूर हो गई. पनडुब्बी आर्कटिक सर्किल में तैनात थी. इस पनडुब्बी को डूम्सडे वेपन कहा जाता है.
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Russian Nuclear Submarine Belgorod: रूस (Russia) की सबसे शक्तिशाली परमाणु पनडुब्बी (Nuclear Submarine) बेलगोरोड (Belgorod K-329) आर्कटिक सर्किल (Arctic Circle) में इसके बंदरगाह से गायब हो गई है. इस पनडुब्बी को महाविनाशक और 'कयामत का हथियार' (Doomsday Weapon) भी कहा जाता है. नाटो (NATO) ने कथित तौर पर अपने सदस्य देशों को चेतावनी जारी की है कि रूस की बेलगोरोड पनडुब्बी अब अपने व्हाइट सी बेस में नहीं दिखाई दे रही है, जहां यह जुलाई से सक्रिय थी.
अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि रूस बेलगोरोड की पोसायडन हथियार प्रणाली (Poseidon Weapon System) के परीक्षण की योजना बना सकता है, जिसमें ऐसे ड्रोन (Drone) शामिल हैं जो परमाणु बम (Nuclear Bomb) से लैस हैं, जिसे लेकर रूस ने दावा किया है कि यह सिस्टम रेडियोएक्टिव सुनामी पैदा करने में सक्षम है.
ड्रोन को किसी भी वक्त पनडुब्बी से तैनात किया जा सकता है और एक तटीय शहर के पास समंदर में एक किलोमीटर की गहराई में धामाका किया जा सकता है. रूस के सरकारी मीडिया के मुताबिक. इस ड्रोन से किए गए धमाके से समंदर में 1,600 फीट तक ऊंची लहरें उठ सकती हैं जो किसी भी तटीय शहर को तबाह करने के लिए काफी है.
क्यों इसे कहा जाता है कयामत का हथियार?
दुनिया की सबसे लंबी मानी जाने वाली 600 फीट की इस पनडुब्बी को जुलाई में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अपने टॉप सीक्रेट कार्यक्रम के हिस्से के रूप में रूसी नौसेना को सौंपा था, जिसका उद्देश्य सुपर हथियारों के एक नए वर्ग की एक श्रृंखला विकसित और संचालित करना है.
इस पनडुब्बी में दो OK-650V परमाणु ऊर्जा संयंत्र हैं. यह इतनी बड़ी है कि इसके अंदर एक छोटी सबमरीन और अत्याधुनिक ड्रोन को छिपाया जा सकता है. बेलगोरोड सबमरीन छह पोसायडन अंडर वाटर ड्रोन से लैस है. एक पोसायडन ड्रोन दो मेगाटन क्षमता वाले परमाणु हथियार से लैस हो सकता है. इसका मतलब है कि यह हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम से 100 गुना ज्यादा शक्तिशाली है. ड्रोन की रेंज 10 हजार किलोमीटर बताई जाती है. यह 100-185 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से अपने लक्ष्य पर मार कर सकता है.
इस पनडुब्बी पर क्यों रहती है अमेरिका और नाटो देशों की नजर?
बताया जाता है कि रूस की इस सबमरीन का तोड़ सुपर पावर अमेरिका के पास भी नहीं है, इसलिए इसके हर मूवमेंट पर अमेरिका समेत तमाम नाटो देशों की खुफिया एजेंसियों की नजर रहती है. अब यह कहां है, किसी को नहीं पता है. रूस की न्यूक्लियर सबमरीन कारा सर्किल में हो सकती है. आशंका है कि रूस अपनी इस 30 हजार टन वजनी पनडुब्बी से कारा सर्किल में महाविनाशक परीक्षण कर सकता है. एक रणनीतिक खुफिया विशेषज्ञ और पुतिन की प्लेबुक की लेखिका रिबका कॉफलर ने कहा है कि रूस इस तरह के हथियार का इस्तेमाल केवल अंतिम उपाय के रूप में करेगा.
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