इस्लामाबाद: पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने पानामागेट में प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ को पद के अयोग्य ठहरा दिया और इस तरह उन्हें प्रधानमंत्री के पद से हटा दिया. सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की बेंच ने सर्वसम्मति के अपने फैसले में नवाज शरीफ को पनामा केस में दोषी करार दिया. सभी जजों ने नवाज़ शरीफ के खिलाफ फैसला सुनाया.


नवाज़ के लिए बड़ी बात ये है कि ये तीसरी बार है जब वे बतौर प्रधानमंत्री अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर सके. अभी साफ नहीं कि देश का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा. संसद का मौजूदा कार्यकाल अगले साल खत्म हो रहा है और पाकिस्तान में अगले साल आम चुनाव होने हैं. ये जानना भी दिलचस्प है कि पाकिस्तान में अब तक कोई भी प्रधानमंत्री पूरे पांच साल तक लगातार पीएम पद पर नहीं कर सके हैं.


सुप्रीम कोर्ट ने नवाज़ शरीफ के अलावा वित्त मंत्री इसहाक डार, बेटी मरियम नवाज़, हसन नवाज़, हुसैन नवाज़ और कैप्टन सफदर को जांच में शामिल करने और NAB को उनके खिलाफ रेफरेंस भेजने का आदेश दिया है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने नवाज़ शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ केस दर्ज करने का भी आदेश दिया.


शरीफ के परिवार पर विदेशों में कालाधन अर्जित करने का दोष साबित हुआ है. नवाज़ के कालेधन के खिलाफ संयुक्त जांच दल (जेआईटी) ने जांच की थी और अपनी रिपोर्ट में नवाज़ शरीफ के परिवार के खिलाफ आरोप को सही पाया था.


सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि प्रधानमंत्री ससंद और अदालतों के प्रति ईमानदार नहीं रहे और उनको पद के लिए उपयुक्त नहीं समझा जा सकता.


बेंच की अध्यक्षता कर रहे जस्टिस एजाज अफजल खान ने कहा कि बेंच ने ये निर्देश दिए हैं कि JIT ने अपनी जांच में जो भी दस्तावेज हासिल किए हैं, उसे 6 हफ्तों के भीतर NAB को भेजा जाए. इसके साथ ही अदालत ने नवाज शरीफ, कैप्टन सफदर, मरियम नवाज़, हसन नवाज़, हुसैन नवाज़ के खिलाफ केस करने का आदेश दिया.


बेंच में न्यायमूर्ति आसिफ सईद खोसा, न्यायमूर्ति एजाज अफजल खान, न्यायमूर्ति गुलजार अहमद और न्यायमूर्ति शेख अजमत सईद और न्यायमूर्ति एजाजुल अहसन हैं. न्यायमूर्ति खान ने सर्वोच्च न्यायालय के कोर्ट नंबर-एक में फैसला पढ़कर सुनाया.


क्या है मामला?


यह मामला 1990 के दशक में उस वक्त धनशोधन के जरिए लंदन में सपंत्तियां खरीदने से जुड़ा है जब शरीफ दो बार प्रधानमंत्री बने थे. शरीफ के परिवार की लंदन में इन संपत्तियों का खुलासा पिछले साल पनामा पेपर्स लीक मामले से हुआ. इन संपत्तियों के पीछे विदेश में बनाई गई कंपनियों का धन लगा हुआ है और इन कंपनियों का स्वामित्व शरीफ की संतानों के पास है. इन संपत्तियों में लंदन स्थित चार महंगे फ्लैट शामिल हैं.


कितने अमीर हैं नवाज़ शरीफ?


शरीफ पाकिस्तान के सबसे रसूखदार सियासी परिवार और सत्तारूढ़ पार्टी पीएमएल-एन के मुखिया हैं. सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का पूरी उत्सुकता के साथ इंतजार किया जा रहा था क्योंकि शरीफ के पिछले दो कार्यकाल तीसरे साल में खत्म हो गए थे.


इस्पात कारोबारी-सह-राजनीतिज्ञ शरीफ पहली बार 1990 से 1993 के बीच प्रधानमंत्री रहे. उनका दूसरा कार्यकाल 1997 में शुरू हुआ जो 1999 में तत्कालीन सेना प्रमुख परवेज मुशर्रफ द्वारा तख्तापलट किए जाने के बाद खत्म हो गया.


सर्वोच्च न्यायालय ने शरीफ और उनके परिवार के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए इसी साल मई में संयुक्त जांच दल (जेआईटी) का गठन किया था. जेआईटी ने गत 10 जुलाई को अपनी रिपोर्ट शीर्ष अदालत को सौंपी थी.


जेआईटी ने कहा कि शरीफ और उनकी संतानों की जीवनशैली उनकी आय के ज्ञात स्रोतों से कहीं ज्यादा विस्तृत है और उसने उनके खिलाफ भ्रष्टाचार का नया मामला दर्ज करने की अनुशंसा की थी.


शरीफ ने जेआईटी की रिपोर्ट को खारिज करते हुए इसे ‘बेबुनियाद आरोपों का पुलिंदा’ करार दिया था और पद छोड़ने से इनकार किया था.


गत 21 जुलाई को शीर्ष अदालत ने सुनवाई पूरी करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.


फैसले के मद्देनजर इस्लामाबाद पुलिस ने विशेष सुरक्षा प्रबंध किए और राजधानी के मध्य ‘रेड जोन’ इलाके को आम लोगों के लिए बंद कर दिया. इस इलाके में सर्वोच्च न्यायालय सहित कई महत्वूर्ण इमारतें हैं.