Pakistan Former PM Nawaz Sharif On India: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने गुरुवार (17 अक्तूबर) को कहा कि भारत और पाकिस्तान को अतीत को भूलकर अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए. शरीफ की इस टिप्पणी को विदेश मंत्री एस जयशंकर की इस सप्ताह इस्लामाबाद यात्रा के बाद भारत से रिश्तों को सुधारने की पहल के रूप में देखा जा रहा है. भारतीय पत्रकारों के एक समूह के साथ बातचीत में तीन बार प्रधानमंत्री रह चुके और सत्तारूढ़ पाकिस्तान मुस्लिम लीग (N) के अध्यक्ष ने जयशंकर की यात्रा को ‘अच्छी शुरुआत’ बताया और उम्मीद जतायी कि दोनों पक्ष सकारात्मक रुख के साथ आगे बढ़ेंगे.


इसके अलावा नवाज शरीफ ने कहा कि हमें अतीत में नहीं जाना चाहिए और भविष्य की ओर देखना चाहिए. बेहतर होगा कि हम अतीत को दफना दें ताकि हम दोनों देशों के बीच के अवसरों का इस्तेमाल कर सकें.


दिसंबर 2015 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लाहौर की अचानक यात्रा की सराहना करते हुए शरीफ ने कहा कि वह दोनों देशों के बीच संबंधों में ‘लंबे समय से जारी ठहराव से खुश नहीं हैं और उम्मीद जतायी कि दोनों पक्षों को सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ना चाहिए.


74 वर्षीय पाकिस्तानी नेता नवाज शरीफ ने कहा, ‘‘हम अपने पड़ोसियों को नहीं बदल सकते न ही पाकिस्तान और न ही भारत.  हमें अच्छे पड़ोसियों की तरह रहना चाहिए.’’


हमें अपनी बातचीत के क्रम को आगे बढ़ाना चाहिए- नवाज
मीडिया द्वारा जब नवाज शरीफ से पूछा गया कि क्या दोनों देशों के बीच रिश्ते बनाने की जरूरत है तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं यही भूमिका निभाने का प्रयास कर रहा हूं. हम चाहते थे कि SCO समिट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आएं, लेकिन यह अच्छा हुआ कि भारतीय विदेश मंत्री आए. मैंने पहले भी कहा है कि हमें अपनी बातचीत के क्रम को आगे बढ़ाना चाहिए.


प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बड़े भाई नवाज ने कहा कि हमने 70 साल इसी तरह (लड़ाई करते हुए) बिताए हैं और हमें इसे अगले 70 सालों तक नहीं चलने देना चाहिए. इस रिश्ते को चलने देने के लिए कड़ी मेहनत की है. दोनों पक्षों को बैठकर चर्चा करनी चाहिए कि आगे कैसे बढ़ना है.


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाहौर दौरे का किया जिक्र
शरीफ ने 25 दिसंबर, 2015 को काबुल से लौटते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लाहौर के अचानक हुए दौरे को भी याद किया. उन्होंने कहा, ‘‘जब प्रधानमंत्री मोदी ने काबुल से मुझे फोन किया और मुझे मेरे जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं तो मैंने कहा कि उनका बहुत स्वागत है. वह आए और मेरी मां से मिले. ये कोई छोटी चीज नहीं है, इनका हमारे लिए, खास तौर पर हमारे देशों के लिए कुछ मतलब है. हमें उन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.’’


उन्होंने आगे कहा कि मैं रिश्तों में आई रुकावट से खुश नहीं हूं. मैं पाकिस्तान के उन लोगों की ओर से बोल सकता हूं जो भारत के लोगों के लिए सहानुभूति रखते हैं और मैं यही बात भारत के लोगों के लिए भी कहूंगा.


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