इस्लामाबादः पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने करगिल युद्ध के लिए पूर्व सैन्य तानाशाह परवेज मुशर्रफ को जिम्मेदार ठहराया है. शरीफ रविवार को विपक्षी दलों द्वारा आयोजित सरकार के खिलाफ रैली में शामिल हुए थे. पाक में इमरान सरकार के खिलाफ 11 विपक्षी दलों ने मिलकर पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) बनाया है. सरकार के खिलाफ तीसरी बड़ी रैली में शरीफ ने करगिल युद्ध को लेकर कई अहम दावे किए. बता दें कि 1999 में हुए करगिल यु्द्ध में पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा था.


शरीफ ने रैली को वीडियो लिंक के जरिए संबोधित करते हुए कहा, 'पाकिस्तान की सेना ने कारगिल में बर्फ से ढके पहाड़ों में लड़ाई लड़ी थी, जहां जीत का कोई मौका नहीं था. यहां हमारे जवान निहत्थे थे. उन्होंने कहा, ''वह पल मेरे लिए काफी अफसोसजनक था, जब मुझे मालूम हुआ कि हमारे जवानों को बिना भोजन के चोटियों पर भेज दिया गया. यहां तक कि उनके पास हथियार भी नहीं थे. उन्हें अपने जिंदगी से हाथ धोना पड़ा. लेकिन देश और समुदाय को इससे क्या मिला?''


मुशर्रफ ने व्यक्तिगत फायदे के लिए सेना का इस्तेमाल किया


शरीफ ने कहा, कुछ ऐसे लोग हैं जो देश और समुदाय को तोड़ रहे हैं. पाकिस्तान सेना की आड़ में अपराध करते हैं. उन्होंने आगे कहा कि जो जनरल करगिल युद्ध के पीछे थे, उन्होंने अपने कार्यों को छिपाने और सजा से बचने के लिए मार्शल लॉ घोषित कर दिया. परवेज मुशर्रफ और उनके साथियों ने सेना को व्यक्तिगत फायदे के लिए इस्तेमाल किया और उन्हें अपमानित किया. शरीफ ने मुशर्रफ को बेनजीर भुट्टो की हत्या और बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के लिए जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा कि इमरान खान और राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) के पास मुशर्रफ के खिलाफ मुकदमा चलाने की हिम्मत नहीं थी.


हाल ही में, एंटी-करप्शन ब्यूरो ने गुजरांवाला रैली के बाद शरीफ के खिलाफ एक नए मामले को मंजूरी दे दी, जहां उन्होंने इमरान खान पर निशाना साधा था. जुलाई 2018 के आम चुनावों से कुछ दिन पहले शरीफ को एवेनफील्ड संपत्तियों के मामले में दोषी ठहराया गया और 10 साल जेल की सजा सुनाई गई. उन्हें 2017 में सत्ता से बेदखल कर दिया गया था और बाद में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने उन्हें जमानत दे दी थी. शरीफ इलाज के लिए अभी लंदन में हैं.


परवेज मुशर्रफ के बैंक खातों में करोड़ों रुपये


पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने पाकिस्तान के मौजूदा हालात के लिए एक बार फिर सेना प्रमुख बाजवा और आईएसआई प्रमुख फैज हमीद को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, "इस बात का सबूत है कि परवेज मुशर्रफ के बैंक खातों में करोड़ों रुपये हैं, लेकिन इमरान खान और एनएबी को इस पर जांच करने की हिम्मत नहीं है. कठपुतली स्थापित करने का सेना का निर्णय नहीं था. हमारे सवालों का जवाब सेना के द्वारा नहीं बल्कि जनरल क़मर बाजवा, जनरल फैज़ हामिद द्वारा दिया जाना चाहिए.


रैली में बिलावल भुट्टो हुए शामिल


क्वेटा रैली शुरू होने से पहले पाकिस्तान सरकार के सुरक्षा अलर्ट के बाद मोबाइल फोन सेवाओं को निलंबित कर दिया गया था. साथ ही क्वेटा में धारा -144 भी लगाई गई थी. रैली को कौमी वतन पार्टी के चेयरपर्सन आफताब अहमद खान शेरपाओ, पीएमएल-एन के उपाध्यक्ष मरियम नवाज, जेयूआई-एफ के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने भी संबोधित किया. जबकि पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी और शरीफ ने रैली में वीडियो लिंक के जरिए शामिल हुए. गुजरांवाला और कराची के बाद यह तीसरी रैली है जहां शरीफ और भुट्टो दोनों ने आम लोगों को संबोधित किया है.


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